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Brajesh Kant Azad
  • Male
  • Agra
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Male
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Uttar Pradesh
Native Place
Agra
Profession
private job
About me
nothing special

Brajesh Kant Azad's Blog

पांच कवितायेँ

(नए मोड़) 



मोड़ राहो में नए अब जोड़ देता हूँ ,

कुछ पुराना कुछ नया सब छोड़ देता हूँ ,

चल रही यू ज़िन्दगी ज्यों पानी में लहरें हो उठी,

खुद को समझ अब एक लहर किनारे मोड़ देता हूँ ,

कुछ पुराना कुछ नया सब छोड़ देता हूँ ,

जो हैं समझते कुछ नहीं मैं वो बड़े नादान हैं,

नादानियो में एक समझ बस जोड़ देता हूँ ,

ना दिखे सूरत तुम्हारी लाख महंगा है तो…

Continue

Posted on September 23, 2012 at 12:00am — 5 Comments

कविता

शब्द उड़ते हैं कल्पनाओ में तो कविता बनती है,
चाँद होता है जब घटाओ में तो कविता बनती है,
यु तो हो जाती हैं बस राहतें दवा जो काम करे,
दर्द होता है जब दवाओ में तो कविता बनती…
Continue

Posted on September 14, 2012 at 12:00am — 5 Comments

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