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"मार रहे थे चौवे ,छक्के अब हो गए निठल्ले लोग, सट्टे के पट्टे में लटके 'भीतर' गए इकल्ल…"प्रो. विश्वम्भर शुक्ल replied Jun 23, 2013 to ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 27(Now closed with 788 replies) |
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Jun 23, 2013 Reply by अरुण कुमार निगम |
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