For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फाइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन 

कहँवा से आइके जगार कइल

जिनगी में साँइ से उजार कइल

जिनगी से अइसन करार कइल

सिनुरा वीरांगना पुछार कइल

पँउआ बढ़त रहल अधुना क चहला

मथवा सहलाइ होसियार कइल

पतिया पँवरि परदेस से  पहुन का

कहलस की सोलहो सिंगार कइल

सुगना पठवत विदेसिया पहुनवा

चितवा चोराइ बेकरार कइल

मनवा चहत पिय रीति मिलन करि के

सँसवा से साँस सोहनार  कइल

जिनगी  खेवात ना अँसुअन बहले 

उठि के नारी सक्ति सकार कइल

-प्रमोद श्रीवास्तव 

मौलिक और अप्रकाशित 

सोहनार -सुहावना, मनभावन  ;  जगार- जागरण ;    उजार--उजियारा;   पँवरि -तैर कर; चहला -कीचड़; पुछार -पोंछाई

Views: 1345

Replies to This Discussion

आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, 

राउर सनेह सीख सुझाव क आसरा निहारत ।

प्रस्तुति के अनुमोदन के लिए सादर आभार ।

भाव पक्ष से सोझ एह गजल के शैल्पिकता प हम रउआ से सहयोग चाहब. तनिका तक्तीह कऽ के बतावल जाव जे गजल के मिसरा कइसे सर्हियावल गइल बा. तब हम एक हाली फेरु से एह प्रस्तुति प आइब. 

सादर

आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, 

क्षमा परथना कs संगे गल्ती सुधारल चाहत बानी। बह्र फइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन/फइलुन होई। फाइलातुन  लिखा गइल रहल ह।दुसरके शेर कs पहिलके मिसरा में शब्द "अइसन"  लिखा गइल बा ऊ "अइसने" होई।

फइलातुन  फाइलुन  फऊल   फेलुन/फइलुन 

1 1 2 2     2 1 2   1 2 1    2 11/1111

कहँवा से/ आइ के/ जगार/ कइलs

जिनगी में/ साँइ से/ उजार/ कइलs

जिनगी से/ अइसने/ करार/ कइलs

सिनुरा वी/रांगना/ पुछार/ कइलs

पँउआ बढ़/त रहल अ/धुना क/ चहला

मथवा सह/लाइ हो/सियार/ कइलs

पतिया पँव/रि परदे/स से  प/हुन का

कहलस की/ सोलहो /सिंगार/ कइल s

सुगना पठ/वत विदे/सिया प/हुनवा

चितवा चो/राइ बे/करार/ कइलs

मनवा चह/त पिय री/ति मिलन/ करि के

सँसवा से/ साँस सो/हनार/  कइलs

जिनगी  खे/वात ना/ अँसुअन/ बहले 

उठि के ना/री सक्ति /सकार/ कइलs

-प्रमोद श्रीवास्तव 

सादर ।

अब बुझाइल तऽ, बाकिर रउआ वर्णिकता में छन्द आ गजल के विधान में घालमेल क रहल बानीं. कहवाँ (सही हिज्जे त ईहे होखे के चाहीं) के मात्रा ११२ ना हो के २२ होखी. असहीं जिनिगी के मात्रा ११२ ना होके २२ होखी. एही तरी, सिनुरा, पँउआ, मथवा, पतिया, कहलस, सुगना, चितवा, मनवा, सँसवा, उठि के एह सभ के मात्रा भार २२ होखी.  बहर के मात्रा-भार वाचिक परम्परा के अनुसार होला. एही वाचिक परम्परा के अनुसार भोजपुरी भासा चलेले. 

एह मंच पर गजल के लेके बहुत सुगढ़ आलेख बाड़न सऽ. रउआ से निहोरा बा, पहिले एक हाली रउआ उन्हनीं के देख जाईं. गजल के अभ्यास में आवत ढेर कठिनाई से निजात मिल जाई.. 

जै जै 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
17 hours ago
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service