For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ विचार गोष्ठी सह कवि-सम्मलेन एवं मुशायरा" एक प्रस्ताव

साथियो,
दिनांक 01 अप्रैल 2013 को ओबीओ ने अपना तृतीय स्थापना दिवस मनाया | कई सदस्यों की ओर से यह विचार आया कि ओबीओ परिवार के इच्छुक सदस्य किसी एक स्थान पर एकत्र हो जहाँ अंतर्जाल से निकल कर प्रत्यक्ष मिल सकने का संयोग बन सके । एक दूसरे को व्यक्तिगत तौर पर समझने का यह एक सुनहरी मौका होगा । इस विन्दु पर प्रबंधन के सदस्यों ने निर्णय लिया कि यदि सदस्य गण अपनी सहमति दे दें तो एक कार्यक्रम तय किया जाय ।

प्रस्ताव निम्नानुसार है --
कार्यक्रम का नाम :- "ओबीओ विचार गोष्ठी सह कवि-सम्मलेन एवं मुशायरा"
दिनांक :- 15 जून 2013 दिन शनिवार
सुबह 9 बजे से 11 बजे तक - नामांकन, अल्पाहार एवं चाय, सदस्य मिलन सह परिचय,
11 बजे से 1 बजे तक - विचार गोष्ठी,      (विषय - साहित्य में अंतर्जाल का योगदान )
1 बजे से 2 बजे तक - मध्याह्न भोजन
2 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक - कवि सम्मेलन एवं मुशायरा
स्थान - हल्द्वानी (नैनीताल से लगभग 32 किमी)
कार्यक्रम स्थल - व्यवस्थित सूचना सदस्यों की सहमति के उपरान्त कुल कार्यक्रम की रुपरेखा तय करने के पश्चात घोषित की जायेगी । 

सदस्यों को ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था ओबीओ द्वारा की जाएगी ।
यात्रा व्यय आदि सदस्यों को स्वयं वहन करना होगा ।


जो सदस्य इस कार्यक्रम में सम्मलित होना चाहते हैं वे कृपया अपनी सहमति दे दें ।
यह कार्यक्रम का प्राथमिक प्रस्ताव है, आपकी सहमति के अनुसार ही कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जायेगा । यदि आप प्रस्तावित कार्यक्रम के सम्बन्ध में कोई सुझाव देना चाहते हैं या जानकारी चाहते हैं तो आपका स्वागत है । आप अपना सुझाव या प्रश्न नीचे बने टिप्पणी बॉक्स में लिखें, आप फ़ोन भी कर सकतें हैं ।
संपर्क सूत्र :
गणेश जी बागी, मोO - 09431288405
सौरभ पाण्डेय,   मोO - 09919889911
सादर,


एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार 

"ओबीओ विचार गोष्ठी सह कवि-सम्मलेन एवं मुशायरा"

(विस्तृत और अंतिम रूप रेखा)

Views: 5817

Reply to This

Replies to This Discussion

sath hi namaakn shulk bhi likh diya jat 

kya vhan srdi hogi kvi smmeln ki shbhagita kis prkaar hogi 

kya aas paas ke prytn sthl dekhne ki vyvstha rh payegi prti bhagi ke vyy pr 

dehli se koi samoohik vyvstha jane ke liye ho payegi kya 

आदरणीय वेद व्यथित जी, 

नामांकन शुल्क प्रस्तावित नहीं है । 

वहां सर्दी नहीं होगी, ओ बी ओ के जो सदस्य अपनी प्रस्तुति देना चाहेंगे उन्हें अवसर दिया जायेगा । 

सदस्यगण पर्यटन स्थलों को स्वयम के खर्च पर देख/घूम सकते हैं । ओ बी ओ की ओर से कही से भी आने जाने की कोई व्यवस्था नहीं होगी ।  

गणेश भाई, अत्यंत ही सराहनीय एवं आकर्षक आयोजन। इस तरह के आयोजन से जहां अंतरजाल पर बुने गए सम्बन्ध को साकार स्वरुप प्रदान करने में सक्षम होंगे वहीँ दूसरी ओर साहित्य का व्यापक विस्तार भी सम्भव हो सकेगा। आयोजन का विषय भी अत्यंत ही दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण है, साहित्य चर्चा के माध्यम से साहित्य को प्रखरता प्रदान करने और इसके स्वरुप को व्यापक करने के सन्दर्भ में एक दिशा और दशा भी तय हो सकेगी। कवि-सम्मलेन एवं मुशायरे से प्रतिभागियों के नव-सृजित रचना का लोग आनंद भी उठा सकेंगे। 

इस तरह के सकारात्मक एवं साहित्य-विकास से जुड़े आयोजन के लिए आपसभी को कोटिशः धन्यवाद, बधाई एवं शुभकामनायें।
----राज 

धन्यवाद राज भाई, यदि आप अपने सम्मिलित होने की सहमति दें तो हम सभी को ख़ुशी होगी । 

यह सच में एक उत्कृष्ठ आयोजन होगा, आभासी दुनिया से निकलकर एक वास्तविक दुनिया में जाने का। परिवार के सदस्यों को करीब से जानने का । आपसी मेल-मिलाप और काव्य-पाठ व काव्य-श्रवण का।
इस बेहतरीन आयोजन की सफलता के लिए मैं अपनी अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ।

आशीष नैथानी जी, आयोजन में आपका भी स्वागत है । 

आशीष भाई आपने बात भी आभासी की है। बागी जी तो समझ गए लेकिन मुझे समझ नहीं आयी। लिखिए हां मैं आ रहा हूं।

शुभकामनाएँ देना भी व्यक्तित्व की ऊर्जस्विता और सकारात्मकता का महत्वपूर्ण पहलू है.

लेकिन बृजेशभाई आपने सही कहा है कि स्पष्ट रूप से यह कहा जाना कि आयोजन में शरीक होना संभव है या नहीं आयोजनकर्ताओं के लिए प्रबन्धन संबंधित कई दिक्कतों से उबार लेता है.

 अत्यंत श्रेष्ठ प्रस्ताव है ,ओ बी ओ परिवार से मिलने का तथा एक दूसरे के विचार जानने   का बढ़िया अवसर है मेरे जैसे (अत्यंत निष्क्रिय )सदस्य भी शायद आप जैसे अन्य पारिवारिक लोगों से मिलकर कुछ प्रेरणा पा सकें .योजना फलीभूत हो ऐसी कामना है .  यदि सूची बन रही हो तो मेरा नाम अवश्य लिखें .सहयोग राशि यदि तय की हो तो अवश्य बताएं .

आपकी सकारात्मकता के लिए हम आभारी हैं, आदरणीय. आपके इस मुखर अनुमोदन से सूची बनाने में सहूलियत होगी.

अग्रिम बधाइयाँ और शुभकामनाओं के साथ-साथ यह भी मुखर रूप से कहना कि आप आ रहे हैं, आपकी प्रबन्धन के प्रति सहयोगात्मक स्पष्टता को बताता है.

सादर

आपका तयशुदा स्थान पर समय से पहुँचना ही मूर्धन्य सहयोग होगा भाईजी. 

प्रस्तावित आयोजन में सम्मिलित होने के लिए कोई सहयोग राशि नहीं है. 

सादर

प्रस्‍ताव आकर्षक है, लेकिन भाई मेरी स्थिति कुछ ऐसी हो गयी है कि मुख्‍यालय छोड़ना बहुत कठिन है।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service