For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

DEEP ZIRVI's Discussions (28)

Discussions Replied To (22) Replies Latest Activity

"दमक दामिनी देखती देखे दमक विराट दोए दोए लोचन धार पीऊ, मूंदे नयन कपाट.  ललना  ले ले…"

DEEP ZIRVI replied Jul 30, 2012 to दोहे आमंत्रित

14 Aug 3, 2012
Reply by Raghuvinder Yadav

"मन भले हो  दूषित पर, तन पे धवल परिधान है . यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है .skta…"

DEEP ZIRVI replied Jul 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २५ (Now Closed With 1190 Replies)

1190 Jul 31, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"vaah"

DEEP ZIRVI replied Jul 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २५ (Now Closed With 1190 Replies)

1190 Jul 31, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"मान हो सम्मान, आदर भाव की हो भावना,"यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है"...dhyaan va…"

DEEP ZIRVI replied Jul 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २५ (Now Closed With 1190 Replies)

1190 Jul 31, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"तरही मिसरा गजलों में मेरे तिल तंदुल स्वीकार कीजिये इसके काँधे उस का सर है ,देह है…"

DEEP ZIRVI replied Jul 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २५ (Now Closed With 1190 Replies)

1190 Jul 31, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"avshya"

DEEP ZIRVI replied Jun 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २४ (Now Closed)

862 Jul 1, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"तेरी आँखों की मस्ती नें  मय मीना छलकाई है ; इन में डूबने वाले को जी  ,होश कहाँ फिर आ…"

DEEP ZIRVI replied Jun 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २४ (Now Closed)

862 Jul 1, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"es link ko saabhaar nimnaankit facebook proup me jn hit sukhay jn hit nkaaay post ki…"

DEEP ZIRVI replied Dec 28, 2010 to गज़लशाला ( आप भी जाने कि ग़ज़ल कैसे कही जाती है )

50 Jan 18, 2011
Reply by Admin

"beshkk?"

DEEP ZIRVI replied Dec 24, 2010 to तरही मुशायरा / इवेंट्स से जुड़े प्रश्नोत्तर

91 Feb 23, 2011
Reply by वीनस केसरी

"जब माफियां थीं.दिल बडा था. गोदाम की तरह. किसी को भी माफ कर देते थे. सोचा ही नहीं कि…"

DEEP ZIRVI replied Dec 8, 2010 to हम बोलेगा तो बोलो गे की बोलता है ...

12 Dec 8, 2010
Reply by DEEP ZIRVI

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के भी शेर अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं. हार्दिक बधाइयाँ…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"ग़ज़ल पर आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आभार भाई नीलेश जी"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"अपने प्रेरक शब्दों से उत्साहवर्धन करने के लिए आभार आदरणीय सौरभ जी। आप ने न केवल समालोचनात्मक…"
yesterday
Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service