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मोहन बेगोवाल's Discussions (1,044)

Discussions Replied To (1044) Replies Latest Activity

"आदरनीय वीनस जी, हिन्दुस्तानी में कही गजल पढने को मिली बहुत अच्छा लगा , बाकी आप जी की…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"अरुण जी , आप की अपने अंदाज में खी गजल कमाल की, माँ यशोदा  न सुने  आज सफाई कोई क्या ब…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"रिजवान जी,  मुझे आप की गजल का ये शेर बहुत अच्छा लगा ,दाद कबूल कीजिए दिल ने चाहा तो ब…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"अमित जी, गजल व् खासकर इस शेर के लिए दाद कबूल कीजिए दिल अभी देख मुझे जाँ से गुज़र जाने…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"आदरनीय धर्मेन्‍द्र जी, बेहतरीन गजल का बेहतरीन शेर , दाद कबूल कीजिए ये वो सूरज ही नही…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"संजू जी , बहुत उम्दा गजल का उम्दा मतला दिल को छु गया ,दाद कबूल कीजिए"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"आदरनीय उस्ताद जी, आप की गजल मेरे जेसे लोगों का मार्गदर्शन करती हे , आप जी ने  इस शेर…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"नायब जी , गजल के लिए दाद कबूल कीजिए , गजल का ये शेर बहुत अच्छा लगा ऐसा मिसरा है दिया…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

"आदरनीय सौरभ जी, बहुत उम्दा उस्तादी गजल से मुश्यरे की शुरुआत हुई , बहुत अच्छा लगा, ग़ज़…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-38

1040 Aug 30, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय राणा प्रताप जी, धन्यवाद जो आप जी ने गजलों में होने व पाई गई गलतियों को विस्त…"

मोहन बेगोवाल replied Jul 31, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक ३७ में सम्मिलित सभी गज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

22 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के भी शेर अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं. हार्दिक बधाइयाँ…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"ग़ज़ल पर आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आभार भाई नीलेश जी"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"अपने प्रेरक शब्दों से उत्साहवर्धन करने के लिए आभार आदरणीय सौरभ जी। आप ने न केवल समालोचनात्मक…"
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Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
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