For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,217)

Discussions Replied To (3504) Replies Latest Activity

"आदरणीय अम्बरीश जी                            सादर, नारी का सम्मान हो, बँधे प्यार की…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"गौरव जी         सादर, धन्यवाद आपने घनाक्षरी की त्रुटियों पर ध्यान आकर्षित करवाया."

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय बागी जी              सादर प्रणाम, धन्यवाद. सही कहा है आपने मै पूर्ण प्रयास कर…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय सौरभ जी                  सादर प्रणाम, मेरा पूरा प्रयास रहता है की मै अधिक से…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय संदीप जी                       सादर, अवश्य ही दूसरा घन अपूर्ण होगा, शायद कुछ…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय गिरी जी                  धन्यवाद."

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय लड़ीवाला जी                        सादर, धन्यवाद."

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय              भ्रष्टाचार और अत्याचार  के खात्मे का सुन्दर स्वाप्न प्रदर्शित कर…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"यूरो-पौंड गुम हुए, दिन गए डॉलर के भारतीय रुपये से, चलते बाज़ार हों  आदरणीय प्रभाकर जी…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"जाति-पाति का भेद मिटा कर सबको गले लगायेंगे दिल में ही मंदिर मस्जिद और गिरजाघर बनबाये…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 7, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २३ (Now Closed)

835 Sep 9, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted blog posts
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Monday
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service