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बेटियाँ


बेटियाँ 

बेटियां घर-घर की 
चहकती किलकारी हैं, 
बेटियाँ चहरे की रौनक हैं
आँगन में खुशबू की महक हैं,
घर की आन, बान औ’ शान हैं,
स्वर्ग से लायी खुशियों की देवी हैं
बेटियां ही लक्ष्मी हैं, सरस्वती हैं,
अपने और पराये घर की रौनक हैं
सौभाग्य की देवी हैं
माँ के आँचल की छाँव हैं
पिता का अभिमान  हैं
पितृऋण से दिलाती राहत हैं
जगत की कल्याणी हैं
मधुमास का गीत हैं
जीवन का संगीत हैं
बेटी से घर खुशनसीब है |
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 
 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 25, 2012 at 10:48am

Thanks Kushwaha ji you have rightly told, thre is no alternate or option for बेटियाँ  and we are all here due to बेटियाँ -Lakshman ladiwala 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 5:53pm

aadarniy mahoday, sadar abhivadan, betiyon ka koi vikalp nahi. beti mahan hai. sundar prastuti hetu badhai. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 24, 2012 at 5:52pm

Please read रौनक instead of rainik and them comment. I value your comments

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