For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

व्यंग्य - कृपापात्र आशीर्वाद का प्रतिफल

बड़ों के आशीर्वाद की अहमियत जमाने से है और जमाने तक रहेगा, क्योंकि बड़ों की कृपा बिना संभव ही नहीं कि आप फर्श से अर्श तक पहुंच पाएं। अधिकतर यह सुनने को मिलते रहता है कि फलां के आशीर्वाद से ही गगनचुंबी सफलता मिली और एक नई इबारत लिखने का अवसर मिला। मैं भी समझता हूं कि आशीर्वाद की भूमिका हर जगह है। इतना मान लीजिए कि आशीर्वाद है, तो आप हैं। इसके इतर बात करें तो एक आशीर्वाद का दस्तूर भी बरसों से चली आ रही है, वह है कृपापात्र आशीर्वाद। इसके बगैर तो आप एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकते, सफलता की बात सोचने के पहले कृपापात्र के गुण में पारंगत होना जरूरी है। साथ ही जुगाड़ू प्रवृत्ति भी खुद में विकसित करनी पड़ती है। उसके बाद कृपापात्र आशीर्वाद का प्रतिफल भी सुनहरा हो जाता है। फिर हर जगह जलवा ही जलवा।
मेरा हाल ही में कृपापात्र आशीर्वाद के गुण से लबरेज ऐसे ही व्यक्ति से पाला पड़ा। उसने बताया कि कैसे किसी की छत्रछाया में आगे बढ़ा सकता है और अपनी जुगाड़ की रोटी सेंकी जा सकती है। उसने कृपापात्र से मिले आशीर्वाद से मिली उपलब्धि गिनानी शुरू कर दी और गुणगान में ऐसे रम गया, जैसे हम देवी-देवताओं की आरती में लीन हो जाते हैं। वह तो पूरी तरह भाव-विभोर था और बताया कि जिस एयर कंडीशनर मकान में रह रहा है, वह उसका अपना नहीं है। बस कृपापात्र आशीर्वाद की महिमा है। साथ ही उसने बताया कि खर्चा-पानी की चिंता ही नहीं रहती, बस थोड़ी-बहुत उस व्यक्ति की सेवा व आवभगत में जुटना पड़ता है, जिसका कृपापात्र आशीर्वाद है। बाकी दिन ऐश को कैस करते रहो।
वह व्यक्ति थोड़े समय में इतना घुल-मिल गया कि पूरी तहर बेबाक हो गया। वह कृपापात्र आशीर्वाद का अफसाना गिनाते थक नहीं रहा था और उसने बताया कि आज जिसकी कृपापात्र आशीर्वाद उसे मिल रहा है, वैसे दौर से वह ‘दरियादिली’ भी गुजर चुका है। इसके बाद तो ऐसा लगा, जैसे वह अपना दिल खोलकर बैठ गया है और उसने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने भविष्य की ढेरों तमन्नाएं भी गिना दीं और कहा कि उस पर भी कृपापात्र आशीर्वाद का शुरूर सवार हो गया है। लिहाजा, वह चाहता है कि जैसे भी करके कोई उंचे ओहदे पर पहुंच जाए, उसके बाद वह भी ‘कृपापात्र आशीर्वाद’ को खूब लुटाएगा। उसका कहना था कि अभी तो गणित की तरह पूरा गुणसूत्र सीख रहा हूं, जिससे बाद में फेल होने की कहीं गुंजाइश ही न रहे। उसने बताया कि जिसने भी कृपापात्र आशीर्वाद का लाभ लेने हड़बड़ी की, वह उससे उबर नहीं पाया है। ऐसे में वह समझ गया है कि फूंक-फूंककर कदम रखने में ही भलाई है। जब तक किसी को बरगलाना न आए, तब तक भला कैसे कृपापात्र आशीर्वाद के काबिल हुआ जा सकता है। जिस तरह लंबा वक्त बिताए बिना किसी क्षेत्र में महारत हासिल नहीं किया जा सकता, उसी तरह कृपापात्र आशीर्वाद लेने के लिए अनुभव के साथ विश्वासपात्र भी बनना पड़ता है, क्योंकि यह आशीर्वाद उसी को नसीब होता है, जो अपना काम-धाम छोड़कर पिछलग्गू बना रहता है।
अब तो मैं भी कृपापात्र आशीर्वाद पाने के फिराक में हूं, मगर मुझे अपने से ही फुरसत नहीं है। किसी के आगा-पीछा की हिसाब-किताब रखने का वक्त ही कहां ? ऐसे में समझ में आ रहा है कि कृपापात्र आशीर्वाद का प्रतिफल हम जैसे लोगों के लिए नहीं है। इसके बाद किसी तरह अपने मन को मनाया, मगर वह रह-रहकर कृपापात्र आशीर्वाद का तान छेड़ ही देता है, मगर मुझे पता है कि इस संगीत के आनंद से मेरा मेल नहीं है। अब ऐसे में क्या किया जा सकता है ?


राजकुमार साहू
लेखक व्यंग्य लिखते हैं।

जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा . - 098934-94714

Views: 292

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"     कह-मुकरी * हर दिन कितने प्रश्न छुड़ाए। मेरे मन को वह  अति भाए। देख…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका…"
2 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अशोक जी सृजन के प्रयास की सराहना के लिए हार्दिक आभार । भविष्य के लिए  अवगत हुआ सर…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर,  चित्र के मुख्य भाव न लेकर दूर के कोण प्रयोग कर आपने मुकरियाँ…"
2 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।आदरणीय पाति अर्थात पत्र जिसे देखकर…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर,  प्रदत्त चित्रानुसार अच्छी मुकरियाँ रचीं हैं आपने.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कह मुकरियाँ रचीं हैं आपने. फिर…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कह मुकरियाँ रचीं हैं आपने. फिर…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुंदर मुकरियां रची हैं आपने. हार्दिक बधाई…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक बधाई मुकरियाँ के लिए । द्वितीय के लिए विशेष  बधाई।  अन्य दो में…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
""आदरणीय मिथिलेश भाईजी,  हार्दिक बधाई इन पाँच मुकरियों के लिए | मेरी जानकारी के अनुसार…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, हार्दिक बधाई मुकरियों का चौका जड़ने के लिए।  द्वितीय में ............ तीन…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service