For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्माननीय साथियो,
वन्दे मातरम् !

दिनांक ८ नवम्बर से १० नवम्बर २०११ तक ओबीओ के मंच से आयोजित "ओबीओ लाइव महा उत्सव" अंक १३, का सफल आयोजन श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी के संचालन में किया किया ! इस बार "मौसम" विषय पर रचनाकारों ने कलम आजमाई की !

यह आयोजन भी पिछले आयोजनों की तरह ही कई मायनो में विशेष रहा ! जहाँ दिए गए विषय पर एक से बढ़कर एक रचनायें पढ़ने को मिलीं ! वहीँ काव्य की विभिन्न विधायों विशेषकर भारतीय सनातनी छंदों पर आधारित बेहद सार्थक और सारगर्भित रचनाएँ प्रस्तुत की गईं !

मौसम एक ऐसा विषय है जिसका कैनवास बहुत ही विशाल है ! इस महा-उत्सव के दौरान इसी कैनवास पर अनेकानेक रंगों की छटा के दर्शन हुए !  जहाँ एक तरफ मौसम की मस्ती थी, तो वहीँ मौसम के मिजाज़ पर इंसानी लालच के असर पर भी बात हुई ! हरेक मौसम यहाँ तक कि हरेक माह के लब्ब-ओ-लुबाब तक को रचनायों का विषय बनाया गया ! इस कैनवास के रंगों में ग़ज़ल का रंग भी था और आज़ाद नज़्म की रंगीनी भी !  जहाँ भारतीय रंगत के दोहे, सवय्ये, कुण्डलिया छंद तथा कह-मुकरी भी थे, तो हाइकु ओर तांका जैसी जापानी रंगत भी ! 

इस आयोजन के संचालक भाई धर्मेन्द्र शर्मा जी, जो कि आयोजन के आखरी दिन काम के सिलसिले में शहर से बाहर होने के बावजूद भी जिस तरह एक मिशन समझ कर पूरे तीन दिनों तक मैदान में डटे रहे, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है ! इसके अतिरिक्त भाई अम्बरीष श्रीवास्तव जी, श्री बृजभूषण चौबे जी, श्री अविनाश बागडे जी, श्रीमती सिया सचदेव जी, श्रीमती आराधना जी, श्रीमती वंदना गुप्ता जी, भाई गणेश बागी जी, भाई संजय मिश्र हबीब जी एवं भाई रवि प्रभाकर जी ने पूरे आयोजन के दौरान जिस तरह रचनाधर्मियों का अपनी सारगर्भित टिप्पणियों से उत्साहवर्धन किया, वह वन्दनीय है !

 

इन ऑनलाइन आयोजनों में हर बार नये साथी हमारे साथ जुड़ते रहे हैं, इस बार श्री दिलबाग विर्क जी, श्री अशोक कुमार शुक्ल जी, श्री संजय तिवारी जी एवं सुश्री अंजू (अनु) चौधरी जी का अपनी सुन्दर प्रस्तुतियों के साथ इस मंच से जुड़ना भी हर्ष का विषय रहा ! मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि इस आयोजन के दौरान प्रस्तुत रचनायों का स्तर बहुत ही ऊंचे दर्जे का रहा ! शिल्प ओर कथ्य के लिहाज़ से बहुत ही उच्च-स्तरीय रचनाएँ हम सब को पढ़ने को मिलीं ! 

 

एक बात का ज़िक्र मैं यहाँ विशेष रूप से करना चाहूँगा, ओबीओ पर कोई भी आयोजन मात्र आयोजन न रह कर सीखने सिखाने का एक प्लेटफोर्म हो जाता है ! आयोजनों को एक वर्कशाप बनाने की यह प्रक्रिया जोकि कुछ महीने पहले शुरू हुई थी, अब उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं ! हमारे सदस्यों की रचनायों में पहले से कहीं ज्यादा प्रौढ़ता दिखाई देने लगी है ! चाहे वो इल्म-ए-अरूज़ हो या फिर छंद, रचनाकार अब शिल्प और कहन की दृष्टि से कहीं बेहतर काव्य का सृजन कर रहे हैं ! मेरी नज़र में ओबीओ द्वारा आयोजित समागमों का यह सब से सकारात्मक पहलू है, जिसके लिए ओबीओ के सभी चाहने वाले बधाई के पात्र हैं !       


तीन दिन में १०४८ प्रविष्टियों सहित "ओबीओ लाइव महा उत्सव" अंक १३ का सफल आयोजन ओबीओ के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ है ! इस सफल आयोजन के लिए मैं सभी रचनाकारों एवं पाठकों का तह-ए-दिल से आभार व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि भविष्य में भी आप सब का आशीर्वाद एवं सहयोग यूँ ही प्राप्त होता रहेगा ! इस आयोजन के कुशल संचालन के लिए भाई धर्मेन्द्र शर्मा जी को विशेष रूप से बधाई देता हूँ ! अपनी सकारात्मक ऊर्जा एवं उच्च-स्तरीय काव्य से पूरे आयोजन को रोशन करने वाले आदरणीय सौरभ पांडेय जी एवं भाई अम्बरीष जी को मेरा कोटिश: नमन! अंत में ओबीओ
आधीष श्री गणेश बागी जी को एक और  सफल आयोजन के लिए मुबारकबाद देता हूँ !  सादर !

 योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक) 

Views: 1472

Reply to This

Replies to This Discussion

योगराज जी,

आपकी उत्कृष्ट सम्पादकीय रिपोर्ट पढ़कर बहुत अच्छा लगा. इस बार मैं ''मौसम'' को मिस कर गयी जिसका बड़ा खेद है. आपको, धर्मेन्द्र जी व सारी टीम व सभी रचनाकारों को बधाई. 

 

 

आदरणीया शन्नो जी, आपने मौसम को मिस किया और हम ने आपको ! आशा है कि चित्र से काव्य में आपके दर्शन अवश्य होंगे ! 

''मौसम'' के काव्य-महोत्सव के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ....

 

ओबीओ के नीलगगन पर

जब होते दीप्तिमान ''प्रभाकर'' 

कलम सभी की चलने लगती  

रचनाकार जुड़ें सब आकर l

 

धर्म निभाते हैं संचालन कर  

जब-जब गुनी श्रीमान धर्मेन्द्र  

उनके निपुण योग्य करों से  

हो जाता मधुरस सा अवसर l

 

भाव-घटायें उमड़-घुमड़ कर  

पंक्ति बनें तब आखर-आखर   

आहुति देते सब रचनाओं की   

काव्य-महोत्सव में रचना कर l

 

-शन्नो अग्रवाल 

 

आदरणीया शन्नोजी, आपकी पद्यात्मक प्रतिक्रिया सुखद लगी है. आपकी अनुपस्थिति को इस आयोजन में सभी ने महसूस किया. आपकी प्रस्तुति से मंच सदा धनी होता रहता है.

सादर.

 

सौरभ जी, 

इस बार ''मौसम'' की बहार में भाग ना ले पाने का बहुत दुख है मुझे भी. आपके अपनेपन के शब्दों के लिये मैं हृदय से आभारी हूँ. जब सबकी रचनायें एक जगह एकत्र होंगी उस समय का इंतज़ार कर रही हूँ ताकि सभी को पढ़ सकूँ :)

 

और ओबीओ के लिये लिखी इस छोटी सी मेरी रचना को सराहने के लिये आपका बहुत शुक्रिया. 

 

 

सभी रचनाएँ संग्रहीत हो कर पोस्ट हो चुकी हैं. आपने संभवतः उन लिंकों देखा नहीं है.

इस बार उन रचनाओं को भी एक स्थान पर संग्रहीत किया गया है जो किसी रचना की प्रतिक्रिया के रूप में पोस्ट होती हैं. ये वो रचनाएँ जो ओबीओ के आयोजनों में संवाद की स्थिति पैदा करते हैं.  मैंने आसानी के लिये उन रचनाओं को प्रतिक्रिया-रचना  का नाम दिया है.

दोनों तरह की रचनाओं को अलग-अलग लिंक पर पोस्ट किया गया है. आशा है, आप दोनों तरह की रचनाएँ पढ़ कर अवश्य ही अभिभूत होंगी.

 

प्रतिक्रिया-रचना वाला आपका आईडिया बहुत बढ़िया लगा भाई जी, साधुवाद स्वीकारें !

बहुत ही सुन्दर पद्यात्मक प्रतिक्रिया, आपके इस स्नेह का सादर आभार !

एक उत्कृष्ट और स्तरीय आयोजन की सफलता के लिए सभी साथिओं और संपादक - संचालक महोदय को हार्दिक साधुवाद और बधाई !! विभिन्न प्रचलित अप्रचलित विधाओं की रचनाओं ने मन को मोह लिया साथी गण खुद को परिमार्जित करते जा रहे हैं ओ बी ओ एक नए मुकाम की और अग्रसर है पुनः बधाई !!

ह्रदय से आपका आभार अरुण भाई !

आदरणीय योगराज प्रभाकरजी, सर्वप्रथम तो आयोजन समाप्ति के बाद ठीक समय पर रिपोर्ट के लिये सादर बधाई स्वीकारें. कहना न होगा, आपका रिपोर्ट आयोजन के कुल तीन दिनों की गतिविधियों का निचोड़ सामने रख देता है. आप एकदम सही कह रहे हैं कि ओबीओ के आयोजनों की प्रविष्टियों का स्तर दिनानुदिन बेहतर होता जा रहा है. सदस्यों का स्वाध्याय, रचना-कर्म के प्रति लगन तथा, सर्वोपरि, परस्पर उदार संवाद इस बेहतरी का बहुत बड़ा कारण है. लेकिन यह भी मानना होगा कि इस मंच का सकारात्मक वातावरण भी सकारात्मक उत्प्रेरक का कार्य करता है. भाई धर्मेन्द्रजी के संचालन, सदस्य गणों की संलग्नता और आपके दिशा-निर्देशन को आयोजन की सफलता के मुख्य कारणों में से है. सभी को मेरा सादर प्रणाम.

आपने रिपोर्ट पसंद फरमाई, इसके लिए आपका सादर आभार !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service