For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

श्रीराम
  • Male
  • itkhori,jharkhand
  • India
Share on Facebook MySpace

श्रीराम's Friends

  • Savitri Rathore
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • Dr.Ajay Khare
  • Rekha Joshi
  • Dr.Prachi Singh
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • MAHIMA SHREE
  • rajesh kumari
  • Deepak Sharma Kuluvi

श्रीराम's Discussions

ओ बी ओ के चतुर्थ वर्ष में प्रवेश पर शुभ कामना सन्देश ...

बहुत सुन्दर संजोग है कि मूर्ख दिवस पर एक ऐसी साइट का प्रादुर्भाव हुआ जो साहित्यिक मूढ़ता को तोड़ने का कार्य करता है ,ओ बी ओ सफलता की नई ऊंचाइयों को छुए ऐसी मेरी कामना है।।Continue

Started Apr 1, 2013

 

श्रीराम's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
bihar
Native Place
aurangabad
Profession
teacher
About me
want to help society

श्रीराम's Photos

  • Add Photos
  • View All

श्रीराम's Blog

पत्थर भी एकदिन पिघल जाते हैं ...

( आपकी सेवा में मेरी ताज़ी रचना )

---------------------------------------

वक्त  आने  पे जो न संभल पाते हैं |

 फिर  शहर खंडहर में बदल जाते हैं ||…

Continue

Posted on March 31, 2013 at 8:30am — 2 Comments

शीशे में देखकर चेहरा

शीशे  में देखकर चेहरा ;बार -बार लजाये हैं ।

 कभी काजल, कभी बिंदिया बार -बार सजाये हैं ॥ 

***********************************************

सोचते  अपने दिल से ;दुनिया की नजर रहे।

 बहुत मिहनत…

Continue

Posted on February 22, 2013 at 8:30am — 4 Comments

मौसम का मिजाज बिगड़ गया है ।।

वसंत जाने कहाँ उड़ गया है ...।
मौसम का मिजाज बिगड़ गया है ।।
बारिस ने ऐसा कहर ढा दिया है ;
कोयल से सुर ही बिछड़ गया है ...।।
बर्फ इतने गिरे, मेघ रुकते नही ;
जैसे धरा से गगन झगड़ गया है ।।
जितना दूषित जल, उतना ही पवन ;
बनकर दानव प्रदूषण अकड़ गया है ...।।
छोड़ विज्ञान की, बातें भगवान् की
अपना ही मंदिर उजड़ गया है ......।।

Posted on February 7, 2013 at 11:00pm — 3 Comments

सेवा का थोड़ा व्रत रख लें

सेवा का थोड़ा व्रत रख लें 

सेवा का मीठा फल चख लें ।।

यह दुनिया खुद की मारी है ,

खुदगर्ज यहाँ हर   मानव है ,

अपने छोटे पेट की खातिर

कुकर्म करे यह नित नव  है ।

गैरों को थोडा अपना कह लें --सेवा का मीठा फल चख लें ।।

जो देख रहे वह दुनिया नही ,

यह तो बस केवल मरघट है ,

कहने वालेतो कहते ही रहेंगे 

यहाँ लोभ-मोह का जमघट है ।

इससे तो अब थोड़ा बच लें ----सेवा का मीठा फल चख लें ।।

गीता-गुरु को भुला कर…

Continue

Posted on December 25, 2012 at 8:58am — 6 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 3:19pm on December 27, 2012, MAHIMA SHREE said…

स्वागत है आपका !!

At 11:00am on December 27, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

स्वागत है श्री मान 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
12 hours ago
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
13 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 30
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Nov 30
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service