For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खोलो मन की सांकल को ,
जरा हवा तो आने दो ,,
निकलो घर से बाहर तुम ,
शोख घटा को छाने दो ,,
तोड़ो तोड़ो इस कारा को ,
अंतर मे पुष्प खिलाने दो ,,
है जीवन यह क्षणिक सही ,
इसको अमर बनाने दो ,,
लिखो इबारत कुछ ऐसी ,
युग परिवर्तन हो जाने दो ,,
भावनाओं मे दंभ भरा ,
उसको मुझे मिटाने दो ,,
बेबस हैं मजबूर बहुत ,
उनको मुझे जगाने दो ,,
भूखा बचपन व्याकुल है ,
अन्न का दाना जाने दो ,,

आँखों मे दो रोटी केवल ,

यारों उसको मत छीनो ,

उनका भी हक जीने का ,

उनका ये हक मत छीनो ,,

तुम विलास मे डूबे हो ,

थोड़ा उसको तो छोड़ो ,

अंधी लिप्सा मे बहो मगर ,

मानवता को मत छोड़ो ,,

ए0 सी0 तो निर्बाध चले पर ,

उनके घर मे दिया नही ,

तेलों मे पकवान तले ,

उनके तन पर तेल नही,,

कैसी अर्थव्यवस्था है ये ,

किसकी खातिर पता नही ,,

मुद्रा बंद विदेशों मे है ,

देश की हालत पता नही ,,

फिर क्यों कर सत्तारूढ़ हुए ?

जब सेवा का भाव नही ,,

मधु के प्याले पीकर भी ,

आँखों मे है नीद कहाँ ,,

हाड़ तोड़ वह सोते हैं ,

कल की फुर्सत उन्हे कहाँ ,,

हुश्न इश्क़ की बातों मे ही ,

तुम तो भूले सारा जहां ,,

स्वेदों से धरती नम हो ,

इश्क़ की फुरसत उन्हे कहाँ ,,

हम राम मड़ैया मे खुश ,

महलों मे आराम  नही ,,

राम भरोसे भारत है ,

कल का क्या हो पता नही ,,


 

 

Views: 765

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:17pm

आदरणीय प्रदीप जी सादर अभिवादन .....आपकी स्नेहासिंचित प्रतिकृया से हृदय भावविह्वल हो उठा .....सादर जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:15pm

आदरणीय अग्रज सादर अभिवादन ...शिल्पगत दोष के बावजूद भी आपने मेरा उत्साहवर्धन किया ,,जिसके लिए हृदय से आपका आभार .....जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:11pm

भाई मृदु जी ॥शिपगत दोष के बावजूद भी आपने उत्साहवर्धन किया ,,,धन्यवाद ...जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:08pm

प्रिय अनुज .....धन्यवाद यार जोश मे शिल्प भूल गया था ।जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:07pm

अग्रज को सादर अभिवादन ....अब अग्रज को कुछ डीनो तक तकलीफ देता रहूँगा क्योंकि आगे कई रचनाएँ मानव छ्ंद पर ही प्रस्तुत करने का उत्कंठा है और आपको बार बार पोस्टमार्टम करना होगा जब तक मानव छ्ंद मे बात न करने लगूँ :)....सादर जय भारत 

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:03pm

भाई वीनस जी ...यार भाव मे बह गया और अंदर के क्रोध के कारण शिल्प गड़बड़ा गया ,,बहरहाल अगली काव्य रचना भी मानव छंद भी ही पेश करूंगा देखता हूँ कैसी बनती है ॥:)

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 9:00pm

आदरणीय जवाहर जी सादर अभिवादन ,,,आपका हार्दिक आभार ...............जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 8:58pm

भाई अरुण जी सादर अभिवादन ,,,,शिल्पगत दोषो के बावजूद भी उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद....जय भारत 

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 8:57pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपका हार्दिक धन्यवाद ...जय भारत

Comment by अश्विनी कुमार on April 6, 2012 at 8:56pm

महिमा जी सादर धन्यवाद ..............जय भारत

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बहुत बहुत आभार आ. सौरभ सर ..आप से हमेशा दाद उन्हीं शेरोन को मिलती है जिन पर मुझे दाद की अपेक्षा…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service