For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |,

बहियाँ छोड़ा के जाल राजा  , मानेल ना  कहना हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
केकरा से आग मान्गबी , केकरा से मान्गबी  पानी |
केकरा से प्यार मान्गबी , चढ़ल बा जवानी | 
काहें करेल मनमानी सईयाँ , तोडी के जाल हियरा हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
रोके तोहके खनकत चूड़ी , रोके  तोहक कंगना |
हमरा के छोडी के जाल , सूना कईके अंगना |
ना सुनेल कवनो निहोरा , करेल ना मन में विचार  |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
अब जब जईब पीया , कईसे बीती रतिया |
संगवा में के करी  ,  मीठी मीठी बतिया  |
वर्मा तोहरा पईयाँ पडीं , सुनिल अरजिया हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
श्याम नारायण वर्मा 
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 654

Replies to This Discussion

बीरहि के आगि के इयादियो ले पियऊ-मीता के नेह-छोह के दँवका देवे खातिर ढेर बा ओकर होखल बिचारओ ले में माहुर घोर देला. एह सुन्नर भाव प रउआ प्रयास कइले बानीं, आदरणीय श्याम नारायण जी, ई नीमन लागल. हमार बधाई लीहीं.

बाकिर संगहीं एगो निहोरा बा, गीतन में मात्रिकता के तनिका निर्वहन कइल जाव. आ गीतन में जवन कथ्य अनादि काल से कहल जा रहल बा ओह कथनियन से जरिका बाँचल भले ना जाव, बाकिर, बिम्ब त आजु के अनुसार कइल जाव. ना त पठकन के मन ह, एके चिझुआ अक्सरहा बाँचत-बाँचत उबिया-उचिटा जाला.

बहरहाल, एह प्रस्तुति खातिर फेरु से निकहा ढेरम्ढेर बधाई.

सादर

रचना भाव पसंद करने हेतु आपका हार्दिक आभार , कृपया स्नेह बनाए रखे | सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीय मनन सिंह जी जितना मैं समझ पाई.रचना का मूल भाव है. देश के दो मुख्य दलों द्वारा बापू के नाम को…"
16 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"जुतयाई (लघुकथा): "..और भाई बहुत दिनों बाद दिखे यहां? क्या हालचाल है़ंं अब?""तू तो…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदाब। गोष्ठी का आग़ाज़ अनुपम रचना से करने के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। रचना को…"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"समाधि के फूल वे लड़के बापू की समाधि से एक फूल उठा लाए।घर खुशबू से नहा गया।उनकी खुशियों का ठिकाना न…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"निशा स्वस्ति "
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"उस्ताद-ए-मुहतरम आदरणीय समर कबीर साहिब की आज्ञानुसार :- "ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक 168…"
yesterday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय हौसला बढ़ाने के लिए बेहद शुक्रिय:।"
yesterday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी ग़ज़ल पर आने तथा इस्लाह देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय फिर अन्य भाषाओं ग़ज़ल कहने वाले छोड़ दें क्या? "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service