For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रक्षिता सिंह's Discussions (58)

Discussions Replied To (58) Replies Latest Activity

"आदरणीय सार्थक जी बहुत ही उम्दा शैर- "सोचा किया यही की दरिया में डूब लूँ, आँखे मगर दे…"

रक्षिता सिंह replied Feb 23, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-92

649 Feb 24, 2018
Reply by Balram Dhakar

"आदरणीय रामअवध जी, नमस्कार। बहुत ही उम्दा गजल, दिली मुबारकबाद कुबूल करें।"

रक्षिता सिंह replied Feb 23, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-92

649 Feb 24, 2018
Reply by Balram Dhakar

"आदरणीय लक्ष्मण जी, नमस्कार। "जर्जर है कश्ती और  ये पतवार बेवफादेती तनिक न साथ हवाएँ…"

रक्षिता सिंह replied Feb 23, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-92

649 Feb 24, 2018
Reply by Balram Dhakar

"आदरणीय नादिर जी। बहुत ही खूबसूरत गजल, हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"

रक्षिता सिंह replied Feb 23, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-92

649 Feb 24, 2018
Reply by Balram Dhakar

"सर पे मेरे इश्क का इल्जाम है, और दिल का टूट जाना आम है। हुस्न दौलत इश्क सब बेदाम ह…"

रक्षिता सिंह replied Dec 23, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-90

651 Dec 23, 2017
Reply by Samar kabeer

"                          (भूख) भूख- जो कभी खत्म न हुई...... कभी माँ के आँचल से ल…"

रक्षिता सिंह replied Dec 9, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-86

618 Dec 9, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अमित जी, शब्दों के तानों वानों से बुनी बहुत ही खूबसूरत गज़ल! मुबारकबाद कुबूल…"

रक्षिता सिंह replied Nov 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-89

369 Nov 25, 2017
Reply by Amit Kumar "Amit"

"आदरणीय समीर साहब बहुत खूबसूरत गजल मजा आ गया बहुत बधाई हो"

रक्षिता सिंह replied Jul 29, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-85

376 Jul 29, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service