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Nidhi Agrawal's Discussions (45)

Discussions Replied To (44) Replies Latest Activity

"रिश्ते - सम्बन्ध अब व्यवहार नहींइन्वेस्टमेंट की तरह देखे जाते हैं ,निभाये कम,आंके ज्…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"बहुत सुन्दर छंद बने सर  कहलाये दर्पण सुनो, मानव का व्यवहार। अंतर मन की छबि जहाँ, जग…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"मस्त रचना है है आदरणीय अखिलेश जी  ज्ञान किताबी से हुआ, धूर्त बहुत इंसान। बड़े- बड़े घ…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"बहुत ही सार्थक दोहे हुवे आदरणीय मिथिलेश जी .. सही में कितने अलग अलग तरीके से आपने व्…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"ये तहजीब मेरी ये व्यवहार मेरा मुहब्बत को पूजूं जिऊँ  हर घड़ी को --- सुपर्ब ग़ज़ल .. "

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"धन्यवाद आदरणीय गिरिराज जी .. मुझे ख़ुशी हुई की आपको प्रयास पसंद आया "

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"रचना पर आपकी उपस्थिति और प्रेरणा दायी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीया राजे…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"आपका बहुत बहुत धन्यवाद विजय जी "

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"बुढापे की लकीरों में उनको बोझ नज़र आता है हमें तो उनकी झुर्रियों में भी ओज नज़र आता है…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"सुपर्ब त्रिवेणियाँ आदरणीया राजेश जी .. ये विधा नयी है मेरे लिए .. पर सुन्दर शब् संयो…"

Nidhi Agrawal replied Apr 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

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ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
9 hours ago
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"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
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22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
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yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
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