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Tasdiq Ahmed Khan's Discussions (5,166)

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"जनाब मनन साहिब, गज़ल का अच्छा प्रयास किया है आपने, मुबारकबाद कुबूल फरमाएं l "

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब भाई लक्ष्मण धामी साहिब, अच्छी गज़ल हुई है मुबारकबाद कुबूल फरमाएं l "

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब समर साहिब आ दाब, गज़ल पसन्द करने और आपकी हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया "

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब भाई लक्ष्मण धामी साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रि…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब रवि शाहिद साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी इस इनायत का बहुत बहुत शुक्रिया "

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब नवीन साहिब, गज़ल का अच्छा प्रयास किया है,मुबारकबाद कुबूल फरमाएं l "

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब रवि शाहिद साहिब, उम्दा गज़ल हुई है, मुबारकबाद कुबूल फरमाएं  पहले मतले का ऊला मि…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"ग़ज़ल क्या हमारा था गुमाँ और क्या समझ बैठे थे हम lबेवफ़ा दिलदार को अपना समझ बैठे थे…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"जनाब अमित जी सही शब्द "नेस्तनाबूद" है इनका वजन (211-221)है "

Tasdiq Ahmed Khan replied Jan 25, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-115

128 Jan 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"जनाब अनीस साहिब, अच्छी गज़ल हुई है मुबारकबाद कुबूल फरमाएं शेर 5 में फूल की जगह कांच…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Jan 25, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-115

128 Jan 25, 2020
Reply by Samar kabeer

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Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
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"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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