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अजय गुप्ता 'अजेय's Discussions (1,422)

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"अहहहहहहा। बेहतरीन"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-82

679 Apr 28, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"बहुत उम्दा गजल कही। रोटी वाला शेर गजब"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-82

679 Apr 28, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"बहुत बेहतरीन अश्आर"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-82

679 Apr 28, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"ये शिकवा क्यों? मुहब्बत है नहीं तो ये गुस्सा क्यों जो नफरत है नहीं तो! 'जिगर' की सु…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-82

679 Apr 28, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"शुक्रिया तस्दीक अहमद खान साहब"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"शुक्रिया राजेश जी। आप सबकी हौसलाफजाई से अभीभूत हूं। यह मेरा प्रथम प्रयास है और आप सब…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय प्रतिभा जी"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हौसला अफजाई के लिए धंयवाद आरिफ साहब। आशा है आगे भी आपका समर्थन और स्नेह मिलता रहेगा।…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"शुक्रिया जी प्रभाकर जी"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वंचित (अतुकांत काव्य) ****** किसान के पास था जमीन का टुकड़ा अनाज होता था और पेट भरता…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied Apr 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
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ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
14 hours ago
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ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

.ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा, मुझ को बुनने वाला बुनकर ख़ुद ही पगला जाएगा. . इश्क़ के…See More
14 hours ago

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Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
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