For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

anand murthy
Share on Facebook MySpace

Anand murthy's Friends

  • Chhaya Shukla
  • ANJU MISHRA
  • भुवन निस्तेज
  • Ritu Kushwah
  • kalpna mishra bajpai
  • Dr.Shalini Agam
  • sarika choudhary
  • sakhi singh
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi"
  • savitamishra
  • Nilesh Shevgaonkar
  • गिरिराज भंडारी
  • Vasundhara pandey
  • Poonam Shukla

anand murthy's Groups

 

anand murthy's Page

Latest Activity

Dr.Shalini Agam and anand murthy are now friends
Jan 8, 2021
C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" commented on anand murthy's blog post रुख़सती पे उनकी...............
""असीम समन्दर की रगों में खारापन भी देखिए फिर भी मिलने आ गई मीठी नदी अच्छी लगी"बहुत बढ़िया | "
Jul 19, 2019
C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" commented on anand murthy's blog post दिये के आले....
"सुन्दर रचना "
Jul 19, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
bilaspur chhattisgarh
Native Place
auraiya uttar pradesh
Profession
student
About me
i m an optimistic person having a passion of writing ......

Anand murthy's Blog

दिये के आले....

दीवारों में
दिये के आले
दीपक का स्वागत करते हैं
रश्मि राग में
मगन हुई
ज्योति
पताका लहराती है
तमस वज्र को तोड़
आलय को रोशनी से भर देते हैं
और
दिये के आले
बदले में
दिये से
काजल के झाले
खुद अन्तस में
धर लेते हैं
@आनन्द 18/04/2015 "मौलिक व अप्रकाशित"

Posted on April 18, 2015 at 1:28pm — 5 Comments

रुख़सती पे उनकी...............

रुख़सती पे उनकी आँखों में नमी अच्छी लगी

ज्यूं दूर बादलों को धरा की गमी अच्छी लगी

तबस्सुम देख के मचली लबों पे एक दूसरे के

पाक इरादों में छिपी उनकी कमी अच्छी लगी

असीम…

Continue

Posted on March 15, 2015 at 11:30am — 8 Comments

होली आई होली आई.....

मधुशाले भी बोल रहे.... होली आई होली आई

भंग घुटेगी रस गन्ने में होली आई होली आई

है सरकारी फ़रमान ....

प्यारे बन्द रहेगी दुकान

साकी अकेली प्याले अकेले

हथ जोड़ करें आह्वान

आजा ..आ जाओ श्रीमान 

बोतल... अद्दी पउआ ले जा

रम भिस्की ए दउआ ले जा

भर लो... सारो मकान

ओ बन्द रहेगी दुकान

मयखाने भी बोल रहे होली आई होली आई

रंग घुलेंगे दंग रहेंगे होली आई होली आई

इक दिन पहले प्यारे ले जा

ज़ाम जहां के न्यारे ले जा

बम भोले का प्रसाद…

Continue

Posted on March 5, 2015 at 10:08pm — 3 Comments

दिल से दिल के तार................................

दिल से दिल के तार जुड़े संतूर जहाँ में बजते हैं

छंद पहेली गीत ग़ज़ल जब दूर जहाँ में सजते हैं

रुनझुन-रुनझुन घुंघरू आहट  का संदेशा लाती है

ताल मिलाती धड़कन से मगरूर जहाँ में लगते है

अंतस मन मेल हुआ दिलबाग रूमानी गुलशन है  

रुखसार गुलाबी होंठ शबाबी नूर जहाँ में लगते हैं

हया लबों पे खेल रही है नज़र नज़ाकत शानी है

कोयल किस्से कहती है मशहूर जहाँ में लगते हैं

नैन नख्श नखरों पे है नायाब नवेली नज्म अदा

फिदा फ़साने पर आनंद वो चूर जहाँ में लगते…

Continue

Posted on February 14, 2015 at 2:59pm — 8 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:54pm on October 10, 2014, Dr Ashutosh Mishra said…

आनंद जी ..आपसे मित्रता का अहसास सुखद है मुझे भी खुसी है की मेरा एक और मित्र बढ़ गया ..आपके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ सादर 

At 12:52pm on September 9, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आनंद जी

आपको मित्र के रूप में पाकर हर्षित हूँ i आप साहित्य के शिखर तक पहुंचे i यह मित्र की कामना है i

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
4 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
7 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
12 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
25 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
26 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Euphonic Amit जी, ख़ूब ग़ज़ल हुई, बधाई आपको।  "आप के तसव्वुर में एक बार खो जाए फिर क़लम…"
31 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
37 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें भाई चारा का सही वज्न 2122 या 2222 है ? "
38 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें सातवाँ थोड़ा मरम्मत चाहता है"
43 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत ख़ूब। समझदार को इशारा काफ़ी। आप अच्छा लिखते हैं और जल्दी सीखते हैं। शुभकामनाएँ"
44 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
52 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
52 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service