For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Neeles Sharma's Blog (6)

लघुकथा : कीमत

वो लगातार स्टैंड पे टंगी बोतल से गिरती दवा की एक एक बूँद को गौर से देख रहा था ! नर्स ने काफी देर उसे ऐसा करते देखा तो उसके पास आकर पूछ बैठी !


"इन बूंदों को गिन रहे हैं क्या आप ? लगता है पर बूँद प्राइस निकालेंगे !"

"नहीं ,माँ के शरीर में जा रही है इसलिये दुआ मिला रहा हूँ !"

( मौलिक एवं अप्रकाशित )

Added by Neeles Sharma on October 20, 2014 at 6:00pm — 4 Comments

लघुकथा : आस्तीन

"अरे, बड़ा अजीब सा नाम लगा इस बंगले का, आस्तीन भी कोई नाम है !" शहर में नए आये व्यक्ति ने दोस्त से पूछा !

"जी, ये बंगला जिन्होंने बनवाया वो अब वृद्धाश्रम में रहते हैं !"

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Added by Neeles Sharma on October 16, 2014 at 7:00pm — 13 Comments

लघुकथा : उलट गीता

"देखो जी, जवान लड़का है ,गलती हो गयी ! लड़की बेशक बलात्कार कहे, कमी उसमें भी होगी !"

"जान लगा दूंगा ,बेटे को जेल न जाने दूंगा !"

पिता ने ये कहते हुए चिंतातुर माँ को दिलासा दी !

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Added by Neeles Sharma on October 16, 2014 at 6:30pm — 6 Comments

लघुकथाः कुत्ता

"पापा ,आपको अब हमारे यहाँ दो महीने हो गए हैं, अब छोटू का नंबर है !आपकी टिकट करवा दी है !"

"ठीक है ,बेटा !"

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Added by Neeles Sharma on October 14, 2014 at 7:00am — 13 Comments

लघुकथा : भूत

बहुत दिनों की खोजबीन के बाद परा -वैज्ञानिक उस औरत में घुसने वाले भूत पर सिर्फ इतना निष्कर्ष निकाल पाये , कि जिस रात इसका पति इसे बेहिसाब मारता है ,अगली सुबह इस औरत में वो भूत आता है !

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Added by Neeles Sharma on October 12, 2014 at 3:00pm — 6 Comments

लघुकथा : दिवाली

"बाबू जी, दीये ले लो, बहुत सस्ते हैं, इतना बड़ा त्यौहार है ! "

आठ साल की फटी हुई फ्रॉक ने एक रेशम के कुर्ते को पीछे से खींचते हुए पूछा !

"अच्छा, बड़ा त्यौहार है ! पता भी है क्यों मनाते हैं बड़ा त्यौहार ?"

" हाँ, भगवान रामचन्दर ने बहुत सारे दीये ख़रीदे थे !"

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Added by Neeles Sharma on October 12, 2014 at 2:39pm — 11 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
4 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु शकूर जी बहुत शुक्रिया आपका "
10 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी "
11 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आपका आपने वक़्त दिया मतला   "तुम्हारी…"
12 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आया सफर कब मंजिलों से याद आया।१। देखा जाये तो…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई शिज्जू शकूर जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। गिरह भी खूब हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया याद तो उन्हें भी आया और शायर को भी लेकिन…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया इस शेर की दूसरी पंक्ति में…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. मतले की कठिनाई का अच्छा निर्वाह हुआ।…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई चेतन जी , सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "टपकती छत हमें तो याद आयी"…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उदाहरण ग़ज़ल के मतले को देखें मुझे इन छतरियों से याद आयातुम्हें कुछ बारिशों से याद आया। स्पष्ट दिख…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service