छोटी सी पुकार
क़ि छोटा सा एक नीड़ है
मेरी अमानत
इस पर नज़र रखना…
Added by amita tiwari on December 30, 2021 at 11:30pm — No Comments
आज
काश ! सलाह दे पाऊँ
दीवार को
कि बाहों में भर
फुसफुसा ले
सुना ले सारी दिल की बातें
कर ले सारे गिले शिकवे शिकायतें
ठंडी साँसों को और गहराले
कर ले कलेजे का लिहाज़
कि कहाँ अब बाकि हफ़्ते दिन रैन
घड़ी दो घड़ी की भी क्या बिसात
कि बस सीने से चस्पाँ कलेंडर
इतिहास हो जाने को है
काल क़ा चक्र एहसास हो जाने को है
जी चाहता है
स्मरण दिला दूँ
दीवार को
क़ि ये भी…
ContinueAdded by amita tiwari on December 30, 2021 at 11:30pm — 1 Comment
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