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भ्रष्टाचार और सिविल सोसाइटी से उम्मीद

आजकल भ्रष्टाचार देश में बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है जिस पर अंकुश लगाना बहुत ही कठिन 
साबित हो रहा है .ऐसे में राजनेताओं ,विद्वानों ,वकालत ,गैर सरकारी संस्थाओं सहित सिविल सोसायटी 
भ्रष्टाचार से लड़ने में एक बड़ा ही आकर्षण का केंद्र बनी हुई है .इन सब समूहों द्वारा सिविल सोसायटी को 
एक ऐसा  गतिशील व अभिनव स्त्रोत माना जा रहा है जो भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम है .
सिविल सोसायटी से तात्पर्य वो सोसायटी राज्य कि समर्पित संरचनाओं द्वारा व अन्य कारकों द्वारा 
समाज को भिन्न भिन्न रूपों में शोषित किये जाने के खिलाफ लड़ सके .
भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सबसे अच्छी व सही स्थिति  वही होगी जब सरकारी ,निजी क्षेत्र व सिविल 
सोसायटी तीनों स्तम्भ मिलकर इसके निदान के लिए कार्य करे .
सिविल सोसायटी सार्वजनिक और कार्पोरेट शाशन दोनों क्षेत्रों में नागरिकों की प्रत्यक्ष  भागीदारी ,नागरिकों को 
शिक्षित करने ,राज्य कार्यवाही कि जाँच में अहम रोल निभाती है . 
सिविल सोसायटी भ्रष्टाचार कि समस्या के कारण , जाँच ,व सामाजिक विकास पर नजर रखती  है ( विशिष
 रूप से गैर अक्षय प्राकृतिक संसाधनों के लिए ).
गैर लाभ कमाने वाले उद्योगों तथा गलत प्रबंधकों कि आड़ में व्यापर करने वालों पर नजर रखती है ताकि 
भ्रष्टाचार को बढ़ावा न मिल सके .सिविल सोसायटी का रोल भिन्न भिन्न संस्कृतियों ,भिन्न भिन्न समुदायों 
व लोगो के बीच सामंजस्य बनना भी है . 
सिविल सोसायटी का सबसे बड़ा रोल है राज्य प्रशाशन द्वारा बनाई गईं नीतियों का आत्म -निरिक्षण ,आलोचना 
,पारदर्शी निरिक्षण व जानता के लिए उनकी पारदर्शिता तथा जबाबदेही प्रदान करना ..
बिना सिविल सोसायटी के सभी जगह एक समान पारदर्शिता तथा जबाबदेही कि स्तिथि बरक़रार रख पाना 
असंभव है . इस प्रकार सिविल सोसायटी पारदर्शिता तथा जबाबदेही को बढ़ाकर भ्रष्टाचार को खत्म करने में 
महत्तवपूर्ण योगदान देती है .
जेसा कि पहले उल्लेख किया गया है .सिविल सोसायटी का रोल भिन्न भिन्न संस्कृतियों ,भिन्न भिन्न समुदायों 
व लोगो के बीच सामंजस्य प्रदान करता है अतः महत्तवपूर्ण है कि समाज कि गतिशीलता को संझा जाये ताकि हम 
अपनी भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से समझ सकें ...जो कि .सिविल सोसायटी का कार्य है /
सिविल सोसायटी का एक और मुख्या कार्य है स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कानूनों और नीतियों का प्रवर्तन .
सिविल सोसायटी भ्रष्टाचार प्रणालीगत संस्थाओं ,भ्रष्ट नौकरशाहों व उनके काम करने के तरीकों एवं अवसरों पर 
नियंत्रण कर सकती है .
ट्रांसपेरेंसी इंटर्नेशनल का भी मानना है कि भ्रष्टाचार से लड़ने में सिविल सोसायटी कि भागेदारी सबसे ज्यादा है .
सिविल सोसायटी हर जगह लोगों को जुटाने ,जाग्रत करने में एक लिंक का कार्य भी करती है . यह सुधर के उपायों ,
और अखंडता प्रणाली के साथ साथ स्थानीय लोगों के हितों का भी ध्यान रखती है .
वर्तमान में भ्रष्टाचार का एक बड़ा कारण सही  राजनैतिक पार्टियों का न होना भी है .अतः सिविल सोसायटी सही 
राजनेतिक पार्टियों के चुनाव में भी महत्तवपूर्ण रोल अदा कर सकती है .इसके लिए जानता कि राय संरचना जानने के 
लिए ,जानता कि अनुमति जानने के लिए विभिन्न विकल्पों कि खोज तथा उन्हें शामिल करने के निर्णय लेने में भी 
सिविल सोसायटी महत्तवपूर्ण कदम उठा सकती है .
जहाँ कि सरकारें कार्य करने में असफल हो जाये या सही व नये बदलाव लाने में अनिच्छुक हैं ,सिविल सोसायटी वो
 कार्य भी अपनी स्तर पर करा सकती है .
सिविल सोसायटी राज्य और नागरिकों के बीच सम्बन्ध बनाने में भी अहम रोल अदा करती है .

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