For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ) Discussions (30)

← Back to "पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ)
Discussions Replies Latest Activity

हंजुआं दा की है

हंजुआं दा की है हंजुआं दा की है आंदे बह जांदे दिल दी कहाणी आ के कह जांदे हंजुआं दा की है---------------- ख़ुशी विच आंदे हंजु ग़म विच आंदे…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

4 Aug 29, 2011
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

ਧੁੱਪ

ਜਦ ਵੀ ਮਿਲ਼ੀ ਟੁਕੜੇ-ਟੁਕੜੇ ਹੀਕਿਓਂ ਧੁੱਪ ਮਿਲ਼ੀ ? ਡਾ. ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ ( ਬਰਨਾਲ਼ਾ) ਸਿਡਨੀ ( ਆਸਟ੍ਰੇਲੀਆ)

Started by SS

2 Aug 26, 2011
Reply by SS

ਕਵਿਤਾ - ਅੱਜ ਜ਼ਾਰ ਜ਼ਾਰ ਇੱਕ ਮਾਂ

ਦੋਸਤੋ - ਕਿਰਪਾ ਕਰ ਕੇ ਪੂਰੀ ਰਚਨਾ ਪੜ ਕੇ ਹੀ ਕਮੇੰਟ ਕਰਿਓ ਨੋਟ-ਇਹ ਮੇਰੀ ਸੋਚ ਹੈ ਕਿ ਮਾਂ ਜਦੋਂ ਆਪਣੀ ਧੀ ਦਾ ਤਿਆਗ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਕਿ ਸੋਚਦੀ ਹੈ ਤੇ ਕਿ ਵਿਰਲਾਪ ਕਰ…

Started by राज लाली बटाला

0 Aug 2, 2011

...ਤਾਂ ਵੀ ਨਵੇਂ ਸਾਲ ਦੀਆਂ ਆਖਦਾਂ ਮੁਬਾਰਕਾਂ .}ਦੀਪ ਜ਼ੀਰਵੀ

ਝੱਲੀਆਂ ਹਮਾਤੜਾਂ ਨੇ ਔਕੜਾਂ ਤੇ ਆਫਤਾਂ ;ਮਾਰੀਆਂ ਨੇ ਕੰਜਕਾ ਦੇਵੀ ਦੇ ਅਰਾਧ੍ਕਾਂਨਵੇ ਨਵੇਂ ਕਰ ਲਾਏ ਪਰਜਾ ਦੇ ਪਾਲਕਾਂ ....ਸੌੜੀ ਆਂ ਨੇ ਸੋਚਾਂ ਇਥੇ ਘਟੀਆ ਸਿਆਸਤਾਂ .ਅੱਸ…

Started by DEEP ZIRVI

1 Jan 3, 2011
Reply by Rector Kathuria

ਰੁੱਤਾਂ..

ਰੁੱਤਾਂਰੁੱਤਾਂ ,ਰਾਂਗਲਿਆ! ਗਈਆਂ,ਵੇ ਰੁੱਤਾਂ ਸਾਂਵਰਿਆ ਗਈਆਂ.ਰੁੱਤਾਂ ਸਜ੍ਨੜਿਆ ਗਈਆਂ ,ਵੇ ਰੁੱਤਾਂ ਬੰਨੜਿਆ ਗਈਆਂ.ਤੇਰੇ ਮੇਰੇ ਦੀਦ ਦੀਆਂ ਵੇ ;ਸ਼ਾਮ ਸਲੋਨੀ ਪ੍ਰੀਤ ਦੀਆਂ…

Started by DEEP ZIRVI

0 Dec 9, 2010

WHAT I AM ?

नां हैगा मेरा 'दीपक कुल्लुवी ' घर मेरा दूर पहाड़ इक छोटा जेहा लेखक हाँ मैं सब नाल हैगा प्यार दीपक शर्मा कुल्लुवी ०९१३६२११४८६

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

कॉमन वैल्थ

कॉमन वैल्थ जल्लू मुक्की जाँनें कॉमन वैल्थ ख़राब होंणी कइयां दी हैल्थ कई घपले सामने आणें कइयां बणाई लैंणी मोटी वैल्थ कइयां दी खुली जाणी पो…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

कांगड़ी व्यंग हाई फाई

कांगड़ी व्यंग हाई फाई बापू लग्गेया आल्लु छिल्लना अम्मां लगाइयो हेयर डाई मुन्नुं लगेया कपडा कपड़े धोना नूहें मेहंदी हत्थां च लगाइयो हाई वो…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

नौराते दे मेल्ले

ਨੌਰਾਤੇ ਦੇ ਮੇਲ੍ਲੇ नौराते दे मेल्ले साहनू अपना बना लै शेरां वालिए दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए साहनू अपना बना लै------------ (१)जो आंदे म…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

1 Aug 29, 2010
Reply by Rana Pratap Singh

'दीपक कुल्लुवी' नहीं कैहंदा

नहीं कैहंदा 'दीपक कुल्लुवी' नू याद करो 'दीपक कुल्लुवी' एह नहीं कैहंदा जरा झांक के बेखो दिल अपणे ओह तुहाडे दिल विच ही रैहन्दा तुस्सी भुल्ल…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 29, 2010
Reply by Rana Pratap Singh

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
Thursday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
May 31
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
May 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service