For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

pratibha pande's Discussions (4,625)

Discussions Replied To (3199) Replies Latest Activity

"कहीं पसर जाती है,कहीं बिसर जाती है,कहीं बिखर जाती है,कहीं अटक जाती है,कहीं फिसल जाती…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"इस स्नेहिल उत्साहवर्धन के लिए आपकी तहे दिल से आभारी हूँ आदरणीय सुशील  सरना जी "

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आपको ये प्रयास   अच्छा और आश्वस्त करने वाला लगा मेरे लिए ये हर्ष की बात है ,आपके इस…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आपके नवगीत पढ़कर इस विधा की बारीकियां समझने की कोशिश करती हूँ ,  ,प्रस्तुत नवगीत में…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"बहुत सीले  हैं रिश्ते सब ठहर बंदिश के कमरों में चलो कर लें  अधूरा  ही सफर कुछ धूप तो…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"अब मैं बड़ा हो गया हूँसमझदार हो गया हूँबंद कर दी है खिड़कीलगा दिए हैं चिलमनजलाता हूँ…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"जो थी कभी गुलाब वह, लगती आज बबूल | धूप दिनोदिन तीव्र हो , चुभो रही है शूल ||....   स…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"तुम मौसम के साथ चलती हो अपना अहसास बदलती हो कभी तीखी लगती हो कभी गुनगुनी लगती हो तुम…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"  कागज की कश्ती पानी में डगमगाती है जैसेबादलों के बीच में ऐसे लङती धूप हैनील गगन में…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"द्वार खोलता जो स्वागत में नूर उसी दर पर बरसाये बंद किये जो बैठा दम्भी   अंधकूप में क…"

pratibha pande replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service