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"अच्छे मुक्तक कहे हैं आ० दयाराम मेठानी जी, अभिनन्दन स्वीकारें. "

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"नयना ताई यह भी देखें: किए नज़र नभ की तरफ, जोहे बाट किसान बरखा कब तुम आ रही, बहरे कब…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है भाई मुनीश तनहा जी, हार्दिक बधाई. "

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आल्हा छंद में अति-उत्तम प्रस्तुति दी है आ० लडीवाला जी, बहुत बहुत बधाई प्रेषित हैI  "

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है आ० सुशील सरना जीI भाई मिथिलेश वामनकर जी से मेरी भी पूर…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"यह रचना कैसे प्रदत्त विषय "किसान" से न्याय कर रही है भाई अभिषेक कुमार सिंह जी?  "

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत उम्दा गजल हुई है आ० मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI "

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"//खडी है लीलने मेरे हिस्से की भूमि चारों ओर से लपलपाती बलाएँ और मैं काठ की तलवार लेक…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अति सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं आ० रामबली गुप्ता जीI कथ्य और शिल्प की दृष्टि से सधे…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"//भूमि  की अनुभूति में सोंधी महक और बरगद के खगों की वो चहक स्वप्न से बाहर निकलकर देख…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
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"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
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Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
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"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
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