For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शकील समर
  • Male
  • Jamshedpur
  • India
Share on Facebook MySpace

शकील समर's Friends

  • harivallabh sharma
  • Mukesh Verma "Chiragh"
  • gumnaam pithoragarhi
  • atul kushwah
  • Zid
  • Manoj Kumar Jha
  • गिरिराज भंडारी
  • Poonam Shukla
  • Saarthi Baidyanath
  • SAURABH SRIVASTAVA
  • annapurna bajpai
  • Kedia Chhirag
  • suvarna
  • वेदिका
  • anwar suhail

शकील समर's Groups

RSS

Loading… Loading feed

 

शकील समर's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Jamshedpur
Native Place
Jamshedpur
Profession
Journalist
About me
I am Sports Reporter at PRADESH TODAY in Bhopal.

शकील समर's Blog

गजल : तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा//शकील जमशेदपुरी//

बह्र : 1222/1222/1222/1222

तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा

मेरे जीवन में खुशियों का तो फिर बादल नहीं होगा



यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में

ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा



तुम्हें कुछ दे न पाऊंगा मगर धोखा नहीं…

Continue

Posted on May 16, 2014 at 6:16pm — 20 Comments

तेरे धोखे को दुनिया भर की नजरों से छिपाया था//शकील जमशेदपुरी//

बह्र : 1222/1222/1222/1222

________________________________

तेरे धोखे को दुनिया भर की नजरों से छिपाया था

समझ लेना ये तेरे दिल में रहने का किराया था



सुनो वो गांव अपना इसलिए मैं छोड़ आया हूं…

Continue

Posted on May 15, 2014 at 4:14pm — 13 Comments

गजल : बिंदी, काजल, झुमके, बेसर, चूड़ियां//शकील जमशेदपुरी

बह्र : 2122/2122/212



बिंदी, काजल, झुमके, बेसर, चूड़ियां

पास वो रखतीं हैं कितनी बिजलियां



आज फिर उसने किया है मुझको याद

आज फिर अच्छी लगीं हैं हिचकियां



खुशबू तेरी लाएगी बाद-ए-सबा          [बाद-ए-सबा = सुब्ह की हवा]  

खोल दी कमरे की मैंने खिड़कियां



तेरी जुल्फों से उलझती है हवा

काश मैं भी करता यूं अठखेलियां



दिल तो तेरे नाम से मंसूब था          [मंसूब= निर्दिष्ट, Assign]

यूं बहुत आई थी दर पे लड़कियां



जब…

Continue

Posted on May 2, 2014 at 6:00pm — 15 Comments

गजल : तंग हो हाथ पर दिल बड़ा कीजिए//शकील जमशेदपुरी

बह्र : 212/212/212/212

———————————————

तंग हो हाथ पर दिल बड़ा कीजिए

चाहे जितने भी गम हों हंसा कीजिए



ति​तलियां लौट जाती हैं हो कर उदास

सुब्ह में फूल बन कर खिला कीजिए



है जलन उनको मैं चाहता हूं तुम्हें

मत सहेली की बातें सुना कीजिए



प्यार हो जाएगा है ये दावा मेरा

आप गजलें हमारी पढ़ा कीजिए



चांद से आपकी क्यों बहस हो गई

ऐसे वैसों के मुंह मत लगा कीजिए



यूं मकां है मगर घर ये हो जाएगा

बनके मेहमान कुछ दिन रहा…

Continue

Posted on April 22, 2014 at 3:00pm — 18 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:59am on October 24, 2013, annapurna bajpai said…

आपका हार्दिक स्वागत है । 

At 5:12pm on October 13, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

मित्रता के लिये हाथ बढ़ाने के लिये आपका शुक्रिया !!! स्वागत है मित्र्र !!!

At 2:04pm on October 8, 2013, विजय मिश्र said…
जानकर खुशी हुई शकील भाई कि आप जमशेदपुर से हो , यहाँ कोई हमशहर तो मिला . बधाई और शुभकामनाएँ !
At 2:51pm on October 6, 2013, Abhinav Arun said…

About me विसंगतियां ख़ामोश रहने नहीं देतीं | सो कहने और लिखने को ध्येय बनाया | अभिनव अरुण नाम से सक्रिय सकारात्मक बदलाव हेतु लेखन | मंचों , पत्र - पत्रिकाओं , आकाशवाणी - दूरदर्शन और नेट पर ब्लॉग रूप में रचनाएँ प्रशंसित | आरंभिक शिक्षा लौह नगरी जमशेदपुर में | मूल निवास गाजीपुर \ बनारस (उत्तर प्रदेश , भारत) | बचपन से ही लेखन की विविध विधाओं में सक्रियता | साहित्य कला संगीत संस्कृति और पत्रकारिता से लगाव आकाशवाणी तक ले आया | अन्य अख़बारों और पत्रिकाओं में छिटपुट सेवा और दैनिक "आज " जमशेदपुर में १९८९ से १९९६ तक उप-संपादक पद पर कार्य के उपरान्त सम्प्रति करीब दो दशक से इसी रेडियो में रोज़ी | आकाशवाणी के जमशेदपुर , ओबरा और विविध भारती मुंबई केन्द्रों पर सेवा के पश्चात अभी आकाशवाणी वाराणसी में वरिष्ठ उदघोषक |बनारस की विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ाव | " कथ्य - शिल्प "और " परिवर्तन " के सक्रिय रचनाकार | प्रगतिवादी ग़ज़ल लेखन के लिए २००९ में " परिवर्तन के प्रतीक " सम्मान से विभूषित | अखिल भारतीय नागरिक कल्याण परिषद् द्वारा भी साहित्यिक पत्रकारिता के लिए सम्मानित , विश्विद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से श्री बलदेव पी .जी. कालेज , वाराणसी और विद्याश्री न्यास के संयुक्त तत्वावधान में १४ से १६ जनवरी २०१२ तक वाराणसी में आयोजित भारतीय लेखक शिविर एवं " इतिहास परंपरा और आधुनिकता " पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत आयोजित काव्य प्रतियोगिता में कविताओं की प्रस्तुति को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ | आकाशवाणी वाराणसी के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रस्तोता | भारत के राष्ट्रपति माननीय डॉ प्रणव मुखर्जी एवं नेपाल के राष्ट्रपति डॉ राम बरन यादव की उपस्थिति में 25 दिसंबर 2012 को महामना मालवीय की 150 वी जयंती के उपलक्ष्य में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह का आकाशवाणी के राष्ट्रीय नेटवर्क पर आँखों देखा हाल \ सजीव प्रसारण सायं 04-30 से 06-30 तक मेरे द्वारा (कमेंट्री) किया गया । मंचों के चर्चित रचनाकार |

At 2:04pm on October 6, 2013, Abhinav Arun said…

आदरणीय श्री शकील जी इस मंच पर भी आपका हार्दिक स्वागत और शुभकामनायें !!जमशेदपुर के कारण भी आपसे मेरा विशेष और सहज जुड़ाव है :-) !!

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
22 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
yesterday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
yesterday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service