साथ ही आशीष जी वह शेर दो चार सबक वाला मैंने हैप्पी होली के अंदाज़ में लिखा था आपकी भावना को चोट पहुँचाने के लिए नहीं | मैंने समीक्षा आलोचना को कत्ताअन नाराज़गी की तरह कभी नहीं लिया और न ही मैं अपने को लेखक कवि मानता हूँ | ग़ज़लों और दोहों में तकतई करना मुझे अब तक नहीं आया | कोई मिला ही नहीं जो मुझे बताता | अभी इस मंच पर अग्रजों से निवेदन कर चुका हूँ देखिये सफलता मिलती है की नहीं |
आदरणीय श्री आशीष जी , आप वह कमेन्ट पुनः डाल दें मेरा भी आग्रह है | मैं जब बाज़ार में निकला हूँ तो अपनी आम - परख कमी - बेसी सब कुछ खुद और सभी के द्वारा पढ़े सुने कहे जाने से मुझे कोई ऐतराज़ नहीं | इससे कोई छोटा बड़ा नहीं होता | रचनाकार अपनी रचना से बड़ा होता है अपनी उम्र या वरिष्ठता से नहीं | इधर ओ बी ओ में मेरे कारन से कुछ तल्खी बढ़ी है मैं इसे स्वस्थ रूप से लेता हूँ , सभी लें | अन्यथा प्रबंधन मुझे इशारा कर दे टा टा बाय बाय हो तो थोड़ी तकलीफ होगी पर बहुत कुछ सहा है कुछ और सही |
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आशीष यादव's Comments
Comment Wall (45 comments)
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प्रिय आशीष जी.....मेरी कविता को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार.....
आशीष जी, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार.......
आशीष जी मित्र बनने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद |
आशीष जी आपकी शुभकमानयों और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
आशीष जी आपकी दाद के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ! अच्छा लिखते हो ! ऐसे ही लिखते रहो और सबका मनोरंजन करते रहो !!
swagat hai
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
Dhanyavaad Ashish Bhai.
thanx ashish ji for liking my post...
dhanyvad ashish ji, sneh banaye rakhiye.
sundar vicharon ki dharti par aap ka swagat hai.
साथ ही आशीष जी वह शेर दो चार सबक वाला मैंने हैप्पी होली के अंदाज़ में लिखा था आपकी भावना को चोट पहुँचाने के लिए नहीं | मैंने समीक्षा आलोचना को कत्ताअन नाराज़गी की तरह कभी नहीं लिया और न ही मैं अपने को लेखक कवि मानता हूँ | ग़ज़लों और दोहों में तकतई करना मुझे अब तक नहीं आया | कोई मिला ही नहीं जो मुझे बताता | अभी इस मंच पर अग्रजों से निवेदन कर चुका हूँ देखिये सफलता मिलती है की नहीं |
आदरणीय श्री आशीष जी , आप वह कमेन्ट पुनः डाल दें मेरा भी आग्रह है | मैं जब बाज़ार में निकला हूँ तो अपनी आम - परख कमी - बेसी सब कुछ खुद और सभी के द्वारा पढ़े सुने कहे जाने से मुझे कोई ऐतराज़ नहीं | इससे कोई छोटा बड़ा नहीं होता | रचनाकार अपनी रचना से बड़ा होता है अपनी उम्र या वरिष्ठता से नहीं | इधर ओ बी ओ में मेरे कारन से कुछ तल्खी बढ़ी है मैं इसे स्वस्थ रूप से लेता हूँ , सभी लें | अन्यथा प्रबंधन मुझे इशारा कर दे टा टा बाय बाय हो तो थोड़ी तकलीफ होगी पर बहुत कुछ सहा है कुछ और सही |
क्यो आज बार की पारियाँ
बहुत खूब लिखा है आपने जो मेरा मनोवल बड़ाया उसके लिए धन्याबाद
janamdin mubarak ho
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनाएँ .. .
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
स्वागत आशीष भाई...
आपका सादर आभार....
dhanyavad ashish ji
वाह बहुत खूब कविता लिखी हे आपको इसके लिए बधाई
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