गणेश भैया ..व आप सभी साथियों के लिए आभार में मेरे पास शब्दों की कमी है ..समझ नहीं आता कि आ लोगों का शुक्रिया कैसे अदा करूँ ..अपनी पुस्तक से चार पंक्तियाँ आप सभी महानुभवों को नज़र करती हूं..
समंदर के सामने कतरे को खड़ा कर दिया
हौसला मेरा छोटा था उसें बड़ा कर दिया
आपके रहमो करम का शुक्रिया कैसे अदा करूँ
मैंने थोड़ा माँगा आपने बड़ा चड़ा कर दिया.
ganesha bhai hum umr me aapse kafi chote hai aap sirf aleem kahkar mukhatib kare to achcha lagega bhai plzzz na kahakar sharminda na kre aur ghazal to hum likhte rahenge agar aap sabhi ki duyein aise milti rahi shukriya ...dil se
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समंदर के सामने कतरे को खड़ा कर दिया
हौसला मेरा छोटा था उसें बड़ा कर दिया
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