आदरणीया कल्पना रामानी जी, सादर अभिवादन ! मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की ग़ज़ल "कितनी भला कटुता लिखें" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको पुरस्कार राशि रु 1100 /- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
कल्पना रामानी's Comments
Comment Wall (17 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
आप ने मुझे मित्र रूप में स्वीकार किया अहो भाग्य हमारे !! धन्यवाद कल्पना जी...
शुक्रिया मैम .....
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी said…
कल्पना जी , बहुत खूब !! रक्षा बन्धन पर आपकी गज़ल बहुत अच्छी लगी !!
आपका सादर स्वागत है आदरणीय
स्नेह और आशीष बनाये रखिये
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
आदरणीया कल्पना जी मेरे मित्र समूह में आपका स्वागत है |
आदरणीया कल्पना जी! आपका बहुत बहुत शुक्रिया!
आपने मुझे खुश रहने को और लिखने की प्रेरणा दी!
आपका स्नेह और आशीष बनाये रखिये!!
कल्पना रमानी दी ... आपको हार्दिक धन्यवाद ... और जन्मदिन पर शुभकामनाएं
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
आदरणीया कल्पना जी, जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ.. .
शुभ-शुभ
आदरणीया कल्पना रामानी जी शीर्षक :- ग़ज़ल (कितनी भला कटुता लिखें)
रचना की उत्कृष्टता के दृष्टिगत आपको ओ बी ओ द्वारा
"महीने की सर्वश्रेष्ट रचना पुरस्कार" प्रदान किये जाने हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें !!
आ0 कल्पना रामानी जी, ’महीने की सर्वश्रेष्ट रचना पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने पर आपको तहेदिल से हार्दिक शुभकामनो सहित बहुत बहुत बधाई। सादर,
कल्पना जी,
मैं यह सुखद समाचार पढ़ कर बहुत प्रसन्न हूँ।
आपको बधाई।
सादर,
विजय निकोर
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीया कल्पना रामानी जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की ग़ज़ल "कितनी भला कटुता लिखें" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको पुरस्कार राशि रु 1100 /- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
swagat hai kalpana di . yahan bhi ham saath hi hai :) anand aayega likhne padhne mme
सादर स्वागत है.
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
ओबीओ के मंच पर आपसी मित्रता सूची में आना सुखकर है. सादर
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
अनुरोध है कि कृपया यहाँ क्लिक कर ओ बी ओ नियमावली से परिचित हो लें ताकि असुविधा न हो, सादर ।
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा पंचक. . . . .प्रेम
यह धर्म युद्ध है
कुंडलिया .... गौरैया
बनो सब मीत होली में -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
काश कहीं ऐसा हो जाता
दोहा पंचक. . .
आँख मिचौली
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
दोहा पंचक. . . . .
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( अदब की बज़्म का रुतबा गिरा नहीं सकता )
दोहा पंचक. . . . .नारी
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( आप क्यूँ दूर दूर हैं हम से )
मेरे नाम की पाति
ग़ज़ल: सही सही बता है क्या
है खुश खूब झकझोर डाली हवा- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . . .
दोहा सप्तक. . . जीवन तो अनमोल है
सम्राट समुद्रगुप्त
चलो अब तो साँसों इसे छोड़कर- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
यहाँ बाँध घन्टी गले दीप के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
Latest Activity
सदस्य कार्यकारिणीशिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165