Comments - यूँ इश्क का इक सुकून हूँ मैं.. - Open Books Online2024-03-28T22:20:46Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A974749&xn_auth=no//कौन * जी ये काफ़िया गलत है ।…tag:openbooks.ning.com,2019-02-15:5170231:Comment:9749112019-02-15T15:48:59.898ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>//कौन * जी ये काफ़िया गलत है । इसपर जानकारी चाहिए थी //</p>
<p>इस पर क्या जानकारी चाहिए?</p>
<p></p>
<p>//क्या किसी शब्द का एक मिसरे दो बार आना दोष पूर्ण होता है//<br/><br/></p>
<p>किसी शब्द का एक मिसरे में दो बार आना,दोष भी है,और हुनर भी है,आपके मिसरे में ये उचित नहीं है ।</p>
<p></p>
<p>'मैं अहदे उल्फ़त* जुनून हूँ मैं'</p>
<p>इस मिसरे में पहले 'मैं' की जगह "ऐ" कर सकते हैं ।</p>
<p>//कौन * जी ये काफ़िया गलत है । इसपर जानकारी चाहिए थी //</p>
<p>इस पर क्या जानकारी चाहिए?</p>
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<p>//क्या किसी शब्द का एक मिसरे दो बार आना दोष पूर्ण होता है//<br/><br/></p>
<p>किसी शब्द का एक मिसरे में दो बार आना,दोष भी है,और हुनर भी है,आपके मिसरे में ये उचित नहीं है ।</p>
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<p>'मैं अहदे उल्फ़त* जुनून हूँ मैं'</p>
<p>इस मिसरे में पहले 'मैं' की जगह "ऐ" कर सकते हैं ।</p> आ समर दादा नमन
दादा क्या किसी…tag:openbooks.ning.com,2019-02-15:5170231:Comment:9747032019-02-15T11:30:21.361Zamod shrivastav (bindouri)https://openbooks.ning.com/profile/amodbindouri
आ समर दादा नमन<br />
दादा क्या किसी शब्द का एक मिसरे दो बार आना दोष पूर्ण होता है ।<br />
वो मिसरा दो भाग में बट रहा था मुझे ठीक लगा इसलिए मैं से मैं में ख़त्म किया ।<br />
कौन * जी ये काफ़िया गलत है । इसपर जानकारी चाहिए थी ।
आ समर दादा नमन<br />
दादा क्या किसी शब्द का एक मिसरे दो बार आना दोष पूर्ण होता है ।<br />
वो मिसरा दो भाग में बट रहा था मुझे ठीक लगा इसलिए मैं से मैं में ख़त्म किया ।<br />
कौन * जी ये काफ़िया गलत है । इसपर जानकारी चाहिए थी । जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2019-02-15:5170231:Comment:9747602019-02-15T10:47:51.575ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल अभी समय चाहती है,बहरहाल बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>दूसरे शैर के सानी में दो बार "मैं"?</p>
<p></p>
<p>'<span>अभी भी शक है कि कौन हूं मैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया दोष है ।</span></p>
<p>जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल अभी समय चाहती है,बहरहाल बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>दूसरे शैर के सानी में दो बार "मैं"?</p>
<p></p>
<p>'<span>अभी भी शक है कि कौन हूं मैं'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया दोष है ।</span></p>