Comments - ग़ज़ल-किनारा हूँ तेरा तू इक नदी है - Open Books Online2024-03-28T08:47:54Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A972675&xn_auth=noआदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2019-07-20:5170231:Comment:9883932019-07-20T05:36:16.321ZAjay Tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p>
<p>आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p> आद0 सतविंद्र कुमार राणा जी सा…tag:openbooks.ning.com,2019-02-15:5170231:Comment:9749102019-02-15T15:29:09.198Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 सतविंद्र कुमार राणा जी सादर अभिवादन। बहुत बहुत आभार आपका</p>
<p>आद0 सतविंद्र कुमार राणा जी सादर अभिवादन। बहुत बहुत आभार आपका</p> आद0 दिगंबर नासवा जी सादर अभिव…tag:openbooks.ning.com,2019-02-15:5170231:Comment:9746022019-02-15T15:28:29.670Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 दिगंबर नासवा जी सादर अभिवादन। आभार आपका</p>
<p>आद0 दिगंबर नासवा जी सादर अभिवादन। आभार आपका</p> बेहतरीन अशआर! हारदुक बधाईtag:openbooks.ning.com,2019-02-12:5170231:Comment:9747332019-02-12T14:05:06.558Zसतविन्द्र कुमार राणाhttps://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>बेहतरीन अशआर! हारदुक बधाई</p>
<p>बेहतरीन अशआर! हारदुक बधाई</p> खूबसूरत सादा ग़ज़ल ...
दिल को छ…tag:openbooks.ning.com,2019-02-08:5170231:Comment:9732152019-02-08T07:55:56.043Zदिगंबर नासवाhttps://openbooks.ning.com/profile/DigamberNaswa
<p>खूबसूरत सादा ग़ज़ल ...</p>
<p>दिल को छूते हुए अलफ़ाज़ ... मेरी दाद कबूल कें ...</p>
<p>खूबसूरत सादा ग़ज़ल ...</p>
<p>दिल को छूते हुए अलफ़ाज़ ... मेरी दाद कबूल कें ...</p> आद0 आसिफ जैदी साहब सादर अभिवा…tag:openbooks.ning.com,2019-02-05:5170231:Comment:9730092019-02-05T12:07:37.802Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 आसिफ जैदी साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। </p>
<p>आद0 आसिफ जैदी साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। </p> आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम…tag:openbooks.ning.com,2019-02-05:5170231:Comment:9730072019-02-05T12:06:42.645Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। सब आपकी ही देन है अग्रज श्री। </p>
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार। सब आपकी ही देन है अग्रज श्री। </p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक…tag:openbooks.ning.com,2019-02-05:5170231:Comment:9727052019-02-05T11:59:37.986ZAsif zaidihttps://openbooks.ning.com/profile/Asifzaidi
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहब बहुत शानदार ग़ज़ल की मुबारकबाद क़़ुबूूल करें सादर</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहब बहुत शानदार ग़ज़ल की मुबारकबाद क़़ुबूूल करें सादर</p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आद…tag:openbooks.ning.com,2019-02-04:5170231:Comment:9727762019-02-04T15:54:26.024ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>