Comments - जो पतंगों को उड़ाता है। - Open Books Online2024-03-29T05:28:57Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A969815&xn_auth=noइस प्रयास के लिए हार्दिक बधाई…tag:openbooks.ning.com,2019-01-16:5170231:Comment:9698542019-01-16T10:59:23.577ZMahendra Kumarhttps://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
<p>इस प्रयास के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय मोहन बेगोवाल जी। कृपया आदरणीय समर कबीर सर की बात का संज्ञान ले। सादर।</p>
<p>इस प्रयास के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय मोहन बेगोवाल जी। कृपया आदरणीय समर कबीर सर की बात का संज्ञान ले। सादर।</p> जनाब मोहन बेगोवाल जी आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2019-01-15:5170231:Comment:9697362019-01-15T09:00:45.710ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मोहन बेगोवाल जी आदाब,ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,बह्र, शिल्प,व्याकरण पर अभी आपको क़ाबू पाना होगा,इसके लिए ओबीओ पर "ग़ज़ल की कक्षा" और "ग़ज़ल की बातें" समूह का लाभ लें ।</p>
<p>जनाब मोहन बेगोवाल जी आदाब,ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,बह्र, शिल्प,व्याकरण पर अभी आपको क़ाबू पाना होगा,इसके लिए ओबीओ पर "ग़ज़ल की कक्षा" और "ग़ज़ल की बातें" समूह का लाभ लें ।</p>