Comments - ग़ज़ल -- नेकियाँ तो आपकी सारी भुला दी जाएँगी / दिनेश कुमार - Open Books Online2024-03-29T09:31:20Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A960140&xn_auth=noमोहतरम जनाब समर कबीर साहब आदा…tag:openbooks.ning.com,2019-01-21:5170231:Comment:9703692019-01-21T23:57:00.757ZAsif zaidihttps://openbooks.ning.com/profile/Asifzaidi
<p>मोहतरम जनाब समर कबीर साहब आदाब बहुत शुक्रिया, ग़लती के लिए दिनेश कुमार जी से माफ़ी चाहुंगा, ओबीओ परिवार से जुड़ना सौभाग्य है,</p>
<p>लेकिन ऐसी ग़लती और भी हो सकती है, कारण अनुभव की कमी है,उसके लिए पेशगी माज़रत भी चाहता हूँ... सादर </p>
<p>मोहतरम जनाब समर कबीर साहब आदाब बहुत शुक्रिया, ग़लती के लिए दिनेश कुमार जी से माफ़ी चाहुंगा, ओबीओ परिवार से जुड़ना सौभाग्य है,</p>
<p>लेकिन ऐसी ग़लती और भी हो सकती है, कारण अनुभव की कमी है,उसके लिए पेशगी माज़रत भी चाहता हूँ... सादर </p> जनाब आसिफ़ ज़ैदी साहिब आदाब,ये…tag:openbooks.ning.com,2019-01-21:5170231:Comment:9705272019-01-21T16:59:11.955ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आसिफ़ ज़ैदी साहिब आदाब,ये ग़ज़ल "दिनेश कुमार" जी की है,"तुरंत" जी की नहीं है ।</p>
<p>दूसरी बात ये कि इस मंच पर उस्ताद शागिर्द की परंपरा नहीं है,इसलिए बराह-ए-करम मुझे उस्ताद न लिखा करें ।</p>
<p>जनाब आसिफ़ ज़ैदी साहिब आदाब,ये ग़ज़ल "दिनेश कुमार" जी की है,"तुरंत" जी की नहीं है ।</p>
<p>दूसरी बात ये कि इस मंच पर उस्ताद शागिर्द की परंपरा नहीं है,इसलिए बराह-ए-करम मुझे उस्ताद न लिखा करें ।</p> मोहतरम जनाब तुरंत जी बहुत उम्…tag:openbooks.ning.com,2019-01-21:5170231:Comment:9703622019-01-21T12:38:34.877ZAsif zaidihttps://openbooks.ning.com/profile/Asifzaidi
<p style="text-align: left;">मोहतरम जनाब तुरंत जी बहुत उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद!</p>
<p style="text-align: left;">उस्तादे-मोहतरम जनाब समर कबीर साहब के कमेंट से मुझे सीखने मिला,</p>
<p style="text-align: left;">आप दोनो अज़ीम हस्तीयों का बहुत शुक्रिया सादर</p>
<p style="text-align: left;">मोहतरम जनाब तुरंत जी बहुत उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद!</p>
<p style="text-align: left;">उस्तादे-मोहतरम जनाब समर कबीर साहब के कमेंट से मुझे सीखने मिला,</p>
<p style="text-align: left;">आप दोनो अज़ीम हस्तीयों का बहुत शुक्रिया सादर</p> आदरणीय दिनेश जी, बहुत शानदार…tag:openbooks.ning.com,2018-12-12:5170231:Comment:9652452018-12-12T16:31:14.046ZBalram Dhakarhttps://openbooks.ning.com/profile/BalramDhakar
<p>आदरणीय दिनेश जी, बहुत शानदार ग़ज़ल के लिए दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं।</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय दिनेश जी, बहुत शानदार ग़ज़ल के लिए दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं।</p>
<p>सादर।</p> हार्दिक बधाई भाई साहबtag:openbooks.ning.com,2018-11-30:5170231:Comment:9639842018-11-30T05:20:34.510Zमनोज अहसासhttps://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>हार्दिक बधाई भाई साहब</p>
<p>हार्दिक बधाई भाई साहब</p> बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बहुत ब…tag:openbooks.ning.com,2018-11-17:5170231:Comment:9613392018-11-17T07:15:21.970Zक़मर जौनपुरीhttps://openbooks.ning.com/profile/Kamaruddin
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत मुबारकबाद।</p>
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत मुबारकबाद।</p> जनाब सौरभ भाई आदाब,मिज़ाज बख़ैर…tag:openbooks.ning.com,2018-11-14:5170231:Comment:9609852018-11-14T08:50:59.981ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सौरभ भाई आदाब,मिज़ाज बख़ैर ।</p>
<p>अब आये हैं तो ब्लॉग पर जनाब श्रीपूनम जौधपुरी साहिब का नवगीत भी देख लें मुझे उस पर आपकी टिप्पणी दरकार है,कृपया कष्ट करें ।</p>
<p>जनाब सौरभ भाई आदाब,मिज़ाज बख़ैर ।</p>
<p>अब आये हैं तो ब्लॉग पर जनाब श्रीपूनम जौधपुरी साहिब का नवगीत भी देख लें मुझे उस पर आपकी टिप्पणी दरकार है,कृपया कष्ट करें ।</p> भाई दिनेश जी, एक अच्च्छी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-11-14:5170231:Comment:9610342018-11-14T08:40:43.204ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई दिनेश जी, एक अच्च्छी ग़ज़ल से आपने पटल को समृद्ध किया है. बहुत ख़ूब. अभी पटल पर आना वाकई फल गया. </p>
<p>हार्दिक बधाइयाँ </p>
<p></p>
<p>भाई दिनेश जी, एक अच्च्छी ग़ज़ल से आपने पटल को समृद्ध किया है. बहुत ख़ूब. अभी पटल पर आना वाकई फल गया. </p>
<p>हार्दिक बधाइयाँ </p>
<p></p> आ. भाई दिनेश जी, सुंदर गजल हु…tag:openbooks.ning.com,2018-11-14:5170231:Comment:9608922018-11-14T02:15:35.580Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई दिनेश जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई दिनेश जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p> आद0 दिनेश जी सादर अभिवादन,, ब…tag:openbooks.ning.com,2018-11-11:5170231:Comment:9608492018-11-11T11:45:47.183Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 दिनेश जी सादर अभिवादन,, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल, वाह वाह, बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 दिनेश जी सादर अभिवादन,, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल, वाह वाह, बधाई स्वीकार कीजिये</p>