Comments - कुछ मुक्तक - Open Books Online2024-03-29T00:55:09Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A943323&xn_auth=noआभार सुशील सरना जी .tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9436092018-08-05T13:38:40.838Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आभार सुशील सरना जी .</p>
<p>आभार सुशील सरना जी .</p> वाह वाह और वाह आदरणीय डॉ गोपा…tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9435192018-08-05T09:51:04.078ZSushil Sarnahttps://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>वाह वाह और वाह आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी ... गहन भावों की इन अप्रतिम मुक्तकों की प्रस्तुति के लिए दिल से बधाई स्वीकार करें सर और उपन्यास के लिए हार्दिक शुभकामनाएं सर।</p>
<p>वाह वाह और वाह आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी ... गहन भावों की इन अप्रतिम मुक्तकों की प्रस्तुति के लिए दिल से बधाई स्वीकार करें सर और उपन्यास के लिए हार्दिक शुभकामनाएं सर।</p> आपका उपन्यास जल्द पूरा हो ऐसी…tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9434152018-08-05T08:42:26.045ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>आपका उपन्यास जल्द पूरा हो ऐसी कामना करता हूँ ।</p>
<p>आपका उपन्यास जल्द पूरा हो ऐसी कामना करता हूँ ।</p> आ० समर कबीर जी ' ओ बी ओ मेरा…tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9431932018-08-05T07:02:46.423Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p><span>आ० समर कबीर जी ' ओ बी ओ मेरा पहला क्रश है . मैं भले इस समय सक्रिय नही हूँ पर एक उपन्यास रचना में व्यस्त होने के कारंण . ओ बी ओ लखनऊचैप्टर का मैं सबसे सक्रिय और अनुशासित सदस्य हूँ . ओ बी ओ के लगभग सभी पदाधिकारियों का स्नेह भी मुझे प्राप्त है . उपन्यास अंतिम चरण में है शीघ्र ही सक्रियता फिर बनेगी . आपने मुक्तक पर उत्साहवर्धक टीप दी इस हेतु शुक्रिया . सादर .</span></p>
<p><span>आ० समर कबीर जी ' ओ बी ओ मेरा पहला क्रश है . मैं भले इस समय सक्रिय नही हूँ पर एक उपन्यास रचना में व्यस्त होने के कारंण . ओ बी ओ लखनऊचैप्टर का मैं सबसे सक्रिय और अनुशासित सदस्य हूँ . ओ बी ओ के लगभग सभी पदाधिकारियों का स्नेह भी मुझे प्राप्त है . उपन्यास अंतिम चरण में है शीघ्र ही सक्रियता फिर बनेगी . आपने मुक्तक पर उत्साहवर्धक टीप दी इस हेतु शुक्रिया . सादर .</span></p> आ० नरेन्द्र चौहान जी
आपका स…tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9433792018-08-05T06:53:59.070Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० नरेन्द्र चौहान जी </p>
<p>आपका सादर आभार </p>
<p>आ० नरेन्द्र चौहान जी </p>
<p>आपका सादर आभार </p> जनाब डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्…tag:openbooks.ning.com,2018-08-04:5170231:Comment:9433492018-08-04T06:17:23.632ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जो आदाब,चारों ही मुक्तक उम्दा हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>अव्वल तो आप ओबीओ पर आते ही नहीं,और कभी भूले भटके अपनी रचना लेकर आते हैं तो उन पर आई टिप्पणियों के जवाब भी नहीं देते,आपको तो मंच पर सक्रिय रहना चाहिए मुहतरम ।</p>
<p>जनाब डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जो आदाब,चारों ही मुक्तक उम्दा हुए हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>अव्वल तो आप ओबीओ पर आते ही नहीं,और कभी भूले भटके अपनी रचना लेकर आते हैं तो उन पर आई टिप्पणियों के जवाब भी नहीं देते,आपको तो मंच पर सक्रिय रहना चाहिए मुहतरम ।</p> खुब सुन्दरtag:openbooks.ning.com,2018-08-03:5170231:Comment:9431552018-08-03T17:03:05.715Znarendrasinh chauhanhttps://openbooks.ning.com/profile/narendrasinhchauhan
खुब सुन्दर
खुब सुन्दर