Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T07:15:00Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A938784&xn_auth=noआदरणीय अजय तिवारी जी, आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2023-02-15:5170231:Comment:10989272023-02-15T15:30:19.341ZGurpreet Singh jammuhttps://openbooks.ning.com/profile/GurpreetSingh624
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी, आदरणीय विजय निकोरे जी हालांकि बहुत देर कर दी है मैने लेकिन बहुत शुक्रिया आपका ग़ज़ल पसन्द करने के लिए</p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी, आदरणीय विजय निकोरे जी हालांकि बहुत देर कर दी है मैने लेकिन बहुत शुक्रिया आपका ग़ज़ल पसन्द करने के लिए</p> वाह, सच मज़ा आ गया आपकी गज़ल पड़…tag:openbooks.ning.com,2018-07-12:5170231:Comment:9393452018-07-12T07:30:02.347Zvijay nikorehttps://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>वाह, सच मज़ा आ गया आपकी गज़ल पड़ कर। हार्दिक बधाई।</p>
<p>वाह, सच मज़ा आ गया आपकी गज़ल पड़ कर। हार्दिक बधाई।</p> आदरणीय गुरप्रीत जी,
बहुत अच्छ…tag:openbooks.ning.com,2018-07-11:5170231:Comment:9393202018-07-11T01:22:06.704ZAjay Tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय <span>गुरप्रीत जी,</span></p>
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई. </p>
<p>आदरणीय <span>गुरप्रीत जी,</span></p>
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई. </p> शुक्रिया नीलेश सर जी ...इस ज़म…tag:openbooks.ning.com,2018-07-10:5170231:Comment:9396092018-07-10T10:04:52.906ZGurpreet Singh jammuhttps://openbooks.ning.com/profile/GurpreetSingh624
<p>शुक्रिया नीलेश सर जी ...इस ज़मीन पर आपकी और समर सर जी की बेहतरीन गजलें पढ़ कर ही ये ग़ज़ल कहने की प्रेरणा मिली </p>
<p>शुक्रिया नीलेश सर जी ...इस ज़मीन पर आपकी और समर सर जी की बेहतरीन गजलें पढ़ कर ही ये ग़ज़ल कहने की प्रेरणा मिली </p> शुक्रिया आदरणीय सुशील सरना जी…tag:openbooks.ning.com,2018-07-10:5170231:Comment:9393092018-07-10T10:03:12.759ZGurpreet Singh jammuhttps://openbooks.ning.com/profile/GurpreetSingh624
<p>शुक्रिया आदरणीय सुशील सरना जी ..आपको कोशिश पसंद आई , अच्छा लगा </p>
<p>शुक्रिया आदरणीय सुशील सरना जी ..आपको कोशिश पसंद आई , अच्छा लगा </p> shukriya aadarniya . neelam u…tag:openbooks.ning.com,2018-07-10:5170231:Comment:9393082018-07-10T10:02:15.557ZGurpreet Singh jammuhttps://openbooks.ning.com/profile/GurpreetSingh624
<p>shukriya aadarniya . neelam upadhyaya ji </p>
<p>shukriya aadarniya . neelam upadhyaya ji </p> आ. गुरप्रीत जी,आप का इंतज़ार थ…tag:openbooks.ning.com,2018-07-10:5170231:Comment:9392072018-07-10T03:47:43.421ZNilesh Shevgaonkarhttps://openbooks.ning.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>आ. गुरप्रीत जी,<br/>आप का इंतज़ार था. आप की ग़ज़ल का अंदाज़ आकर्षित करता है,,<br/>बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है.. बधाई स्वीकार करें </p>
<p></p>
<p>आ. गुरप्रीत जी,<br/>आप का इंतज़ार था. आप की ग़ज़ल का अंदाज़ आकर्षित करता है,,<br/>बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है.. बधाई स्वीकार करें </p>
<p></p> आँखों में अश्कों का दरिया चढ़…tag:openbooks.ning.com,2018-07-09:5170231:Comment:9389382018-07-09T09:05:57.398ZSushil Sarnahttps://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आँखों में अश्कों का दरिया चढ़ के जब उतरा तो फ़िर, <br/>मैं तो बस ख़्वाबों की डूबी कश्तियाँ गिनता रहा । ... वाह आदरणीय बहुत खूबसूरत ग़ज़ल बनी है। हार्दिक बधाई।</p>
<p>आँखों में अश्कों का दरिया चढ़ के जब उतरा तो फ़िर, <br/>मैं तो बस ख़्वाबों की डूबी कश्तियाँ गिनता रहा । ... वाह आदरणीय बहुत खूबसूरत ग़ज़ल बनी है। हार्दिक बधाई।</p> आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी, खूब…tag:openbooks.ning.com,2018-07-09:5170231:Comment:9390222018-07-09T08:07:46.404ZNeelam Upadhyayahttps://openbooks.ning.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी, खूबसूरत ग़ज़ल की पेशकश के लिए मुबारकबाद । </p>
<p>आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी, खूबसूरत ग़ज़ल की पेशकश के लिए मुबारकबाद । </p> भाई आप अच्छा लिखते हैं,मैंने…tag:openbooks.ning.com,2018-07-09:5170231:Comment:9389282018-07-09T05:41:21.946ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>भाई आप अच्छा लिखते हैं,मैंने तो कुछ शब्द इधर उधर किये हैं बस ।</p>
<p>भाई आप अच्छा लिखते हैं,मैंने तो कुछ शब्द इधर उधर किये हैं बस ।</p>