Comments - मानवता की मौत -- लघुकथा – - Open Books Online2024-03-29T15:42:34Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A924060&xn_auth=noहार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अह…tag:openbooks.ning.com,2018-04-12:5170231:Comment:9243932018-04-12T05:54:58.450ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।</p> आ.जनाब तेजवीर साहिब ,समाज को…tag:openbooks.ning.com,2018-04-11:5170231:Comment:9246262018-04-11T13:10:11.727ZTasdiq Ahmed Khanhttps://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>आ.जनाब तेजवीर साहिब ,समाज को आइना दिखाती सुन्दर लघुकथा हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।</p>
<p>आ.जनाब तेजवीर साहिब ,समाज को आइना दिखाती सुन्दर लघुकथा हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।</p> हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9245092018-04-10T12:58:15.267ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब।</p> हार्दिक आभार आदरणीय आशुतोष मि…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9242032018-04-10T12:45:13.959ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी।</p> जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9243062018-04-10T12:30:38.371ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा और सार्थक लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।कि</p>
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा और सार्थक लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।कि</p> आदरणीय तेजवीर जी आपकी यह रचना…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9244232018-04-10T11:28:43.056ZDr Ashutosh Mishrahttps://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय तेजवीर जी आपकी यह रचना मुझे बेहद पसंद आई ...इस रचना के लिए ढेरो बधाई स्वीकार करें सादर </p>
<p>आदरणीय तेजवीर जी आपकी यह रचना मुझे बेहद पसंद आई ...इस रचना के लिए ढेरो बधाई स्वीकार करें सादर </p> हार्दिक आभार आदरणीय श्यम नारा…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9243292018-04-10T08:12:13.396ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय श्यम नारायण वर्मा जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय श्यम नारायण वर्मा जी।</p> बहुत ही बढि़या है लघुकथा आदर…tag:openbooks.ning.com,2018-04-10:5170231:Comment:9243262018-04-10T05:04:02.819ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
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<tbody><tr><td width="482">बहुत ही बढि़या है लघुकथा आदरणीय, सादर</td>
</tr>
</tbody>
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<tbody><tr><td width="482">बहुत ही बढि़या है लघुकथा आदरणीय, सादर</td>
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</table> हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मा…tag:openbooks.ning.com,2018-04-09:5170231:Comment:9242782018-04-09T11:37:20.879ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।इसी बात का तो दुख है कि समाज में शिक्षा का स्तर जिस अनुपात में बढ़ रहा है,उसके समानांतर अनैतिकता और उदंडता भी उसी अनुपात में बढ़ रही है।जबकि होना उल्टा चाहिये था।ऐसी संस्कार विहीन शिक्षा का क्या लाभ।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।इसी बात का तो दुख है कि समाज में शिक्षा का स्तर जिस अनुपात में बढ़ रहा है,उसके समानांतर अनैतिकता और उदंडता भी उसी अनुपात में बढ़ रही है।जबकि होना उल्टा चाहिये था।ऐसी संस्कार विहीन शिक्षा का क्या लाभ।</p> स्पीड ब्रेकर के पहले की संवेद…tag:openbooks.ning.com,2018-04-09:5170231:Comment:9241652018-04-09T08:18:40.545ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>स्पीड ब्रेकर के पहले की संवेदनहीनता पर विश्वास नहीं हो रहा है लेकिन यह हमारे अशिक्षित नहीं, बल्कि " <strong>शिक्षित और पश्चिमी स्वार्थपरक ख़ुदमुख़्त्यार स्वार्थी और तथाकथित विकसित शिक्षित यात्रियों" </strong> की वज़ह से ऐसी घटनाएं <b> हमारे समाज में आज भी हो रही हैं!</b> बेहद मार्मिक जन जागरूकता विचारोत्तेजक रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह जी।</p>
<p>स्पीड ब्रेकर के पहले की संवेदनहीनता पर विश्वास नहीं हो रहा है लेकिन यह हमारे अशिक्षित नहीं, बल्कि " <strong>शिक्षित और पश्चिमी स्वार्थपरक ख़ुदमुख़्त्यार स्वार्थी और तथाकथित विकसित शिक्षित यात्रियों" </strong> की वज़ह से ऐसी घटनाएं <b> हमारे समाज में आज भी हो रही हैं!</b> बेहद मार्मिक जन जागरूकता विचारोत्तेजक रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह जी।</p>