Comments - मिज़ाज (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T08:02:01Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A914572&xn_auth=noअनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के ल…tag:openbooks.ning.com,2018-02-24:5170231:Comment:9154682018-02-24T02:18:44.050ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब और जनाब<span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a> साहिब।</p>
<p>अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब और जनाब<span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a> साहिब।</p> आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सा…tag:openbooks.ning.com,2018-02-22:5170231:Comment:9150482018-02-22T12:55:35.391Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। कम शब्दों में अर्थपूर्ण लघुकथा लिखी आपने। बहुत बहुत बधाई। सादर</p>
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। कम शब्दों में अर्थपूर्ण लघुकथा लिखी आपने। बहुत बहुत बधाई। सादर</p> जनाब शेख़ शहज़ाद साहिब , छोटी म…tag:openbooks.ning.com,2018-02-22:5170231:Comment:9148382018-02-22T08:26:39.972ZTasdiq Ahmed Khanhttps://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब शेख़ शहज़ाद साहिब , छोटी मगर असरदार लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।</p>
<p>जनाब शेख़ शहज़ाद साहिब , छोटी मगर असरदार लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।</p> मेरी इस ब्लॉग- पोस्ट पर समय द…tag:openbooks.ning.com,2018-02-22:5170231:Comment:9148212018-02-22T01:04:53.974ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस ब्लॉग- पोस्ट पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब।</p>
<p>मेरी इस ब्लॉग- पोस्ट पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब।</p> रचना आपको पसंद आई। रचना के स…tag:openbooks.ning.com,2018-02-22:5170231:Comment:9149172018-02-22T00:56:02.320ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p> रचना आपको पसंद आई। रचना के संदेश सम्प्रेषित हो सके। आपके अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब श्याम नारायण वर्मा साहिब, जनाब समर कबीर साहिब और आदरणीया कल्पना भट्ट जी।</p>
<p> रचना आपको पसंद आई। रचना के संदेश सम्प्रेषित हो सके। आपके अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब श्याम नारायण वर्मा साहिब, जनाब समर कबीर साहिब और आदरणीया कल्पना भट्ट जी।</p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी…tag:openbooks.ning.com,2018-02-22:5170231:Comment:9147602018-02-22T00:55:37.663ZDr. Vijai Shankerhttps://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी , बधाई, सादर।</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी , बधाई, सादर।</p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2018-02-21:5170231:Comment:9150092018-02-21T16:43:49.404ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,कम शब्दों में सशक्त प्रस्तुति,इस लघुकथा पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,कम शब्दों में सशक्त प्रस्तुति,इस लघुकथा पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p> गहन कटाक्ष| हार्दिक बधाई इस र…tag:openbooks.ning.com,2018-02-21:5170231:Comment:9148102018-02-21T14:32:56.275ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>गहन कटाक्ष| हार्दिक बधाई इस रचना के लिए| </p>
<p>गहन कटाक्ष| हार्दिक बधाई इस रचना के लिए| </p> बहूत उम्दा लघुकथा आदरणीय, हार…tag:openbooks.ning.com,2018-02-21:5170231:Comment:9147492018-02-21T13:53:51.496ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
बहूत उम्दा लघुकथा आदरणीय, हार्दिक बधाई l सादर
बहूत उम्दा लघुकथा आदरणीय, हार्दिक बधाई l सादर नजर अपनी अपनी नज़रिया अपना अप…tag:openbooks.ning.com,2018-02-21:5170231:Comment:9147372018-02-21T10:59:36.554ZNita Kasarhttps://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
<p>नजर अपनी अपनी नज़रिया अपना अपना ।जाकी रही भावना जैसी ,गहन कटाक्ष करती कथा के लिये बधाई आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।</p>
<p>नजर अपनी अपनी नज़रिया अपना अपना ।जाकी रही भावना जैसी ,गहन कटाक्ष करती कथा के लिये बधाई आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।</p>