Comments - हाइकू - Open Books Online2024-03-28T17:16:02Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A907009&xn_auth=noआदरणीय अजय तिवारी जी आपने कोश…tag:openbooks.ning.com,2017-12-31:5170231:Comment:9072412017-12-31T12:40:34.123Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी आपने कोशिश को सराहा बहुत शुक्रिया आपका, रचनाकर्म सार्थक हुआ ....</p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी आपने कोशिश को सराहा बहुत शुक्रिया आपका, रचनाकर्म सार्थक हुआ ....</p> आदरणीय नादिर साहब,
अक्सर हाइक…tag:openbooks.ning.com,2017-12-30:5170231:Comment:9070482017-12-30T11:14:34.144ZAjay Tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय नादिर साहब,</p>
<p>अक्सर हाइकू गद्य भर हो कर रह जाते हैं लेकिन आप ने काव्यात्मकता को सुरक्षित रखते हुए खूबसूरत हाइकू प्रस्तुत किये हैं. हार्दिक बधाई.</p>
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<p>आदरणीय नादिर साहब,</p>
<p>अक्सर हाइकू गद्य भर हो कर रह जाते हैं लेकिन आप ने काव्यात्मकता को सुरक्षित रखते हुए खूबसूरत हाइकू प्रस्तुत किये हैं. हार्दिक बधाई.</p>
<p></p> जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब आपने ब…tag:openbooks.ning.com,2017-12-30:5170231:Comment:9070462017-12-30T10:35:54.882Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब आपने बहुत बारीकी से रचना को पढ़ा.... रचना पर समय देने और हौसला अफजाई का शुक्रिया ...</p>
<p>जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब आपने बहुत बारीकी से रचना को पढ़ा.... रचना पर समय देने और हौसला अफजाई का शुक्रिया ...</p> आदरणीय नादिर खान साहब आदाब,
…tag:openbooks.ning.com,2017-12-30:5170231:Comment:9068522017-12-30T08:17:48.240ZMohammed Arifhttps://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
<p><strong>आदरणीय नादिर खान साहब आदाब,</strong></p>
<p><strong> इंसानी करतूत, मौसम की चाल और बढ़ते ठंड के प्रकोप को दर्शाते बेहतरीन और सटीक हाकु के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए ।</strong></p>
<p><strong>आदरणीय नादिर खान साहब आदाब,</strong></p>
<p><strong> इंसानी करतूत, मौसम की चाल और बढ़ते ठंड के प्रकोप को दर्शाते बेहतरीन और सटीक हाकु के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए ।</strong></p>