Comments - ग़ज़ल: दिल ए नादान से हरगिज़ न संभाली जाए - Open Books Online2024-03-29T01:01:01Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A896581&xn_auth=noआदरणीय मंडल जी शुक्रिया। आभ…tag:openbooks.ning.com,2017-11-16:5170231:Comment:8971552017-11-16T06:22:54.350ZAlok Rawathttps://openbooks.ning.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय मंडल जी शुक्रिया। आभारी हूँ. </p>
<p>आदरणीय मंडल जी शुक्रिया। आभारी हूँ. </p> आदरणीय बृजेश जी आप लोगों की ज़…tag:openbooks.ning.com,2017-11-16:5170231:Comment:8972312017-11-16T05:45:12.410ZAlok Rawathttps://openbooks.ning.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय बृजेश जी आप लोगों की ज़र्रानवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया। </p>
<p>आदरणीय बृजेश जी आप लोगों की ज़र्रानवाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया। </p> आदरणीय सुरेन्द्रजी आपका बहुत…tag:openbooks.ning.com,2017-11-16:5170231:Comment:8971032017-11-16T05:38:51.679ZAlok Rawathttps://openbooks.ning.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय सुरेन्द्रजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आभारी हूँ। </p>
<p>आदरणीय सुरेन्द्रजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आभारी हूँ। </p> आद0 आलोक रावत जी सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8968912017-11-15T23:11:07.229Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 आलोक रावत जी सादर अभिवादन, बढ़िया ख्याल, बढ़िया अशआर,बधाई आपको। आद0 समर साहब के इस्लाह से बहुत कुछ हमे भी सीखने को मिला, सादर
आद0 आलोक रावत जी सादर अभिवादन, बढ़िया ख्याल, बढ़िया अशआर,बधाई आपको। आद0 समर साहब के इस्लाह से बहुत कुछ हमे भी सीखने को मिला, सादर बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणी…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8971462017-11-15T17:19:21.525Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय..सादर
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय..सादर आद आलोक रावत जी ,आदाब बहुत खु…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8970852017-11-15T14:38:14.711ZKalipad Prasad Mandalhttps://openbooks.ning.com/profile/KalipadPrasadMandal
<p>आद आलोक रावत जी ,आदाब बहुत खुबसूरत ग़ज़ल हुई| बधाई स्वीकार करें | आ समीर कबीर साब की टिप्पणी से मुझे भी शिक्षा मिली <br/><br/></p>
<p>आद आलोक रावत जी ,आदाब बहुत खुबसूरत ग़ज़ल हुई| बधाई स्वीकार करें | आ समीर कबीर साब की टिप्पणी से मुझे भी शिक्षा मिली <br/><br/></p> आदरणीय अजय तिवारी जी आपका बहु…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8971292017-11-15T12:03:05.092ZAlok Rawathttps://openbooks.ning.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया। </p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया। </p> आदरणीय आलोक जी,
बहुत खूबसूरत…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8971172017-11-15T08:34:33.426ZAjay Tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय आलोक जी,</p>
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. हार्दिक शुभकामनाएं.</p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय आलोक जी,</p>
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. हार्दिक शुभकामनाएं.</p>
<p>सादर </p> आदरणीय अजय शर्मा जी एवं सालिम…tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8971072017-11-15T05:35:04.401ZAlok Rawathttps://openbooks.ning.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय अजय शर्मा जी एवं सालिम साहब आप लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया। ये तो सच है कि हमें एक उम्दा और समृद्ध फोरम मिला है और सभी बहुत प्यार से इस्लाह करते हैं। सभी का ह्रदय से आभारी हूँ। </p>
<p>आदरणीय अजय शर्मा जी एवं सालिम साहब आप लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया। ये तो सच है कि हमें एक उम्दा और समृद्ध फोरम मिला है और सभी बहुत प्यार से इस्लाह करते हैं। सभी का ह्रदय से आभारी हूँ। </p> बहुत सुन्दर गजल..tag:openbooks.ning.com,2017-11-15:5170231:Comment:8968392017-11-15T02:09:35.574ZAjay Kumar Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/AjayKumarSharma805
बहुत सुन्दर गजल..
बहुत सुन्दर गजल..