Comments - लाइलाज़ (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T14:59:29Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A896251&xn_auth=noइस लघुकथा पर समय दे कर प्रोत्…tag:openbooks.ning.com,2017-11-18:5170231:Comment:8978332017-11-18T21:05:05.624ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
इस लघुकथा पर समय दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब।
इस लघुकथा पर समय दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब। अच्छी लघु कथा के लिए बधाई।tag:openbooks.ning.com,2017-11-14:5170231:Comment:8969372017-11-14T13:29:42.707Zvijay nikorehttps://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>अच्छी लघु कथा के लिए बधाई।</p>
<p>अच्छी लघु कथा के लिए बधाई।</p> रचना पर समय दे कर प्रोत्साहित…tag:openbooks.ning.com,2017-11-12:5170231:Comment:8964712017-11-12T18:51:51.866ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
रचना पर समय दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब और जनाब बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब।
रचना पर समय दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब और जनाब बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। बहुत उम्दा और सामाजिक बुराई क…tag:openbooks.ning.com,2017-11-12:5170231:Comment:8967262017-11-12T17:28:23.817Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
बहुत उम्दा और सामाजिक बुराई को उकेरती हुई कथा...हार्दिक बधाई
बहुत उम्दा और सामाजिक बुराई को उकेरती हुई कथा...हार्दिक बधाई जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2017-11-12:5170231:Comment:8964652017-11-12T12:11:44.342ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,उम्दा लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें ।
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,उम्दा लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें । अनुमोदन वह सकारात्मक टिप्पणी…tag:openbooks.ning.com,2017-11-12:5170231:Comment:8964052017-11-12T06:40:56.493ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
अनुमोदन वह सकारात्मक टिप्पणी के साथ विचार साझा करने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।
अनुमोदन वह सकारात्मक टिप्पणी के साथ विचार साझा करने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब। आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आ…tag:openbooks.ning.com,2017-11-12:5170231:Comment:8966322017-11-12T02:05:10.006ZMohammed Arifhttps://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, बेहतरीन कथानक, कथानक में स्वभाविकता का भरपूर पुट । संवाद भी पात्रानुकूल । हमारे देश में सबको पुत्र कामना रहती है । लगता हैं हम हिंन्दुस्तानी पुत्र की कामना की लाइलाज बीमारी से ग्रसित हैं । इस कामना के चलते बहू पर क्या गुज़रती है हम नहीं सोचते । ढेरों मुबारकबाद !
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, बेहतरीन कथानक, कथानक में स्वभाविकता का भरपूर पुट । संवाद भी पात्रानुकूल । हमारे देश में सबको पुत्र कामना रहती है । लगता हैं हम हिंन्दुस्तानी पुत्र की कामना की लाइलाज बीमारी से ग्रसित हैं । इस कामना के चलते बहू पर क्या गुज़रती है हम नहीं सोचते । ढेरों मुबारकबाद ! मेरी इस रचना के अवलोकन, अनुमो…tag:openbooks.ning.com,2017-11-11:5170231:Comment:8963822017-11-11T16:35:40.749ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस रचना के अवलोकन, अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब और जनाब तेजवीर सिंह साहिब।
मेरी इस रचना के अवलोकन, अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब और जनाब तेजवीर सिंह साहिब। लघुकथा लेखन का मेरा यह प्रयास…tag:openbooks.ning.com,2017-11-11:5170231:Comment:8966232017-11-11T16:33:43.073ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
लघुकथा लेखन का मेरा यह प्रयास आपको पसंद आया। कोशिश सफल हुई। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब सलीम रज़ा रीवा साहिब वह मोहतरमा राहिला साहिबा।
लघुकथा लेखन का मेरा यह प्रयास आपको पसंद आया। कोशिश सफल हुई। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब सलीम रज़ा रीवा साहिब वह मोहतरमा राहिला साहिबा। बहुत बढ़िया रचना हुई आदरणीय उस…tag:openbooks.ning.com,2017-11-11:5170231:Comment:8963642017-11-11T14:57:39.471ZRahilahttps://openbooks.ning.com/profile/Rahila
बहुत बढ़िया रचना हुई आदरणीय उस्मानी जी!ढेरों बधाई ।सादर
बहुत बढ़िया रचना हुई आदरणीय उस्मानी जी!ढेरों बधाई ।सादर