Comments - दबी हर बात जिंदा क्यूँ करें हम (ग़ज़ल) - Open Books Online2024-03-29T08:07:08Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A882314&xn_auth=noआद0 अफरोज भाई जी सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8827282017-09-20T15:02:40.106Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 अफरोज भाई जी सादर अभिवादन, शुक्रिया आपका ग़ज़ल पसन्द करने के लिए।
आद0 अफरोज भाई जी सादर अभिवादन, शुक्रिया आपका ग़ज़ल पसन्द करने के लिए। आद0 सुरेंदर इंसान जी ग़ज़ल पर आ…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8825542017-09-20T15:01:38.231Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 सुरेंदर इंसान जी ग़ज़ल पर आपकी सुखनवाजी के लिए हृदय से आभार।
आद0 सुरेंदर इंसान जी ग़ज़ल पर आपकी सुखनवाजी के लिए हृदय से आभार। आदरणीय सुरेंद्रजी जी बहुत बधा…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8825512017-09-20T14:53:49.142ZAfroz 'sahr'https://openbooks.ning.com/profile/Afrozsahr
आदरणीय सुरेंद्रजी जी बहुत बधाई आपको ग़ज़ल अच्छी कही आपने !
आदरणीय सुरेंद्रजी जी बहुत बधाई आपको ग़ज़ल अच्छी कही आपने ! वाह बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई सुरेन्…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8825482017-09-20T14:41:36.960Zsurender insanhttps://openbooks.ning.com/profile/surenderinsan
वाह बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई सुरेन्द्र जी। बहुत बहुत बधाई हो जी । सादर नमन जी
वाह बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई सुरेन्द्र जी। बहुत बहुत बधाई हो जी । सादर नमन जी आद0 समर साहब जी आपका आभार, मह…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8826222017-09-20T02:01:19.699Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 समर साहब जी आपका आभार, महब्बत और मुहब्बत में सही शब्द से अवगत कराने के लिए। सादर
आद0 समर साहब जी आपका आभार, महब्बत और मुहब्बत में सही शब्द से अवगत कराने के लिए। सादर आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी आपकी…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8825192017-09-20T01:59:37.415Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी आपकी ग़ज़ल पर उपस्थिति और मुबारकबाद का शुक्रिया। सादर
आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी आपकी ग़ज़ल पर उपस्थिति और मुबारकबाद का शुक्रिया। सादर आद0 अफरोज जी सादर अभिवादन, ग़…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8825182017-09-20T01:57:37.309Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 अफरोज जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और मुबारकबाद का शुक्रिया।
आद0 अफरोज जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और मुबारकबाद का शुक्रिया। आद0 तस्दीक अहमद खान जी सादर अ…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8826212017-09-20T01:56:21.377Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 तस्दीक अहमद खान जी सादर अभिवादन, आपकी मुहब्बतों का शुक्रिया।
आद0 तस्दीक अहमद खान जी सादर अभिवादन, आपकी मुहब्बतों का शुक्रिया। आद0 मोहम्मद आरिफ भाई आपकी ग़ज…tag:openbooks.ning.com,2017-09-20:5170231:Comment:8822952017-09-20T01:54:59.880Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 मोहम्मद आरिफ भाई आपकी ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन का अतिशय आभार,
आद0 मोहम्मद आरिफ भाई आपकी ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन का अतिशय आभार, आदरणीय सुरेंद्र जी वाह ख़ूबबस…tag:openbooks.ning.com,2017-09-19:5170231:Comment:8822062017-09-19T09:09:44.375ZAfroz 'sahr'https://openbooks.ning.com/profile/Afrozsahr
आदरणीय सुरेंद्र जी वाह ख़ूबबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें
आदरणीय सुरेंद्र जी वाह ख़ूबबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें