Comments - जिजीविषा / किशोर करीब - Open Books Online2024-03-29T13:12:00Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A874314&xn_auth=noआदरणीय श्री Ravi Shukla जी, ह…tag:openbooks.ning.com,2017-08-22:5170231:Comment:8752682017-08-22T14:45:41.864Zश्याम किशोर सिंह 'करीब'https://openbooks.ning.com/profile/ShyamKishoreSingh
<p>आदरणीय श्री <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/RaviShukla" class="fn url">Ravi Shukla</a> जी, हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार। असल बात ये है कि विधाओं की समझ अभी तक मुझे नहीं हुई है, बस जो बातें मन में आतीं हैं उनको पद्य में लिखने की कोशिश करता हूँ। प्रयासरत हूँ कि थोड़ा समय निकाल कर छंद, विधा आदि के बारे में कुछ ज्ञान अर्जित कर लूँ।</p>
<p>आदरणीय श्री <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/RaviShukla" class="fn url">Ravi Shukla</a> जी, हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार। असल बात ये है कि विधाओं की समझ अभी तक मुझे नहीं हुई है, बस जो बातें मन में आतीं हैं उनको पद्य में लिखने की कोशिश करता हूँ। प्रयासरत हूँ कि थोड़ा समय निकाल कर छंद, विधा आदि के बारे में कुछ ज्ञान अर्जित कर लूँ।</p> अादरणीय किशोर जी आपकी रचना प्…tag:openbooks.ning.com,2017-08-22:5170231:Comment:8752552017-08-22T11:46:57.599ZRavi Shuklahttps://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>अादरणीय किशोर जी आपकी रचना प्रस्तुति के लिये बधाई आपने इसे किस विधा में लिखा है यदि गजल है तो उसके अरकान पहले लिख देते आप तो इस पर और भी चर्चा हो जाती अभी इसका कोई स्पष्ट स्वरूप नहीं समझ आ रहा ।</p>
<p>अादरणीय किशोर जी आपकी रचना प्रस्तुति के लिये बधाई आपने इसे किस विधा में लिखा है यदि गजल है तो उसके अरकान पहले लिख देते आप तो इस पर और भी चर्चा हो जाती अभी इसका कोई स्पष्ट स्वरूप नहीं समझ आ रहा ।</p> Samar kabeer साहब, हार्दिक आ…tag:openbooks.ning.com,2017-08-21:5170231:Comment:8751032017-08-21T16:03:01.733Zश्याम किशोर सिंह 'करीब'https://openbooks.ning.com/profile/ShyamKishoreSingh
<p>Samar kabeer साहब, हार्दिक आभार! सादर नमस्कार।</p>
<p>Samar kabeer साहब, हार्दिक आभार! सादर नमस्कार।</p> जनाब श्याम किशोर सिंह'क़रीब'जी…tag:openbooks.ning.com,2017-08-21:5170231:Comment:8749672017-08-21T12:56:36.479ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब श्याम किशोर सिंह'क़रीब'जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
जनाब श्याम किशोर सिंह'क़रीब'जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें । प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभा…tag:openbooks.ning.com,2017-08-20:5170231:Comment:8748952017-08-20T17:22:53.023Zश्याम किशोर सिंह 'करीब'https://openbooks.ning.com/profile/ShyamKishoreSingh
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार श्रीमान सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी।
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार श्रीमान सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी। आद0 श्याम किशोर सिंह जी जिजीव…tag:openbooks.ning.com,2017-08-20:5170231:Comment:8748032017-08-20T09:51:32.723Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 श्याम किशोर सिंह जी जिजीविषा को परिभाषित करती उम्दा सृजन पर बधाई
आद0 श्याम किशोर सिंह जी जिजीविषा को परिभाषित करती उम्दा सृजन पर बधाई