Comments - वह 'हरामज़ादा' नहीं (लघुकथा)/शेख़ शहज़ाद उस्मानी - Open Books Online2024-03-29T10:50:01Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A784409&xn_auth=noमेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थि…tag:openbooks.ning.com,2016-07-27:5170231:Comment:7873602016-07-27T12:48:54.254ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थित होने व रचना के मर्म को अनुमोदित करते हुए अभ्यासरत रचनाकार को प्रोत्साहित करने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी, आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी व आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले साहब।
मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थित होने व रचना के मर्म को अनुमोदित करते हुए अभ्यासरत रचनाकार को प्रोत्साहित करने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी, आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी व आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले साहब। 'ताले में उगा हुआ पौधा' ये…tag:openbooks.ning.com,2016-07-19:5170231:Comment:7850042016-07-19T14:47:23.371Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>'ताले में उगा हुआ पौधा' ये प्रतीक गजब का लगा ..बहुत सशक्त रचना ,,,हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय उस्मानी जी </p>
<p>'ताले में उगा हुआ पौधा' ये प्रतीक गजब का लगा ..बहुत सशक्त रचना ,,,हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय उस्मानी जी </p> सुन्दर लघुकथा आदरणीय शेख शहजा…tag:openbooks.ning.com,2016-07-18:5170231:Comment:7848952016-07-18T10:08:51.751ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>सुन्दर लघुकथा आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब. सच है दुनिया में सभी को जीने का हक़ है. बहुत-बहुत बधाई. सादर.</p>
<p>सुन्दर लघुकथा आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब. सच है दुनिया में सभी को जीने का हक़ है. बहुत-बहुत बधाई. सादर.</p> वाह्ह्ह्ह आद० उस्मानी जी लघु…tag:openbooks.ning.com,2016-07-18:5170231:Comment:7851152016-07-18T04:18:55.548Zrajesh kumarihttps://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>वाह्ह्ह्ह आद० उस्मानी जी लघु कथा बहुत गंभीरता लिए हुए है ताले में उग आये अनचाहे पौधे के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया लघु कथा ने |आपको तहे दिल से बहुत- बहुत बधाई| </p>
<p>वाह्ह्ह्ह आद० उस्मानी जी लघु कथा बहुत गंभीरता लिए हुए है ताले में उग आये अनचाहे पौधे के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया लघु कथा ने |आपको तहे दिल से बहुत- बहुत बधाई| </p> आप सभी सुधीजन के मार्गदर्शन औ…tag:openbooks.ning.com,2016-07-17:5170231:Comment:7847772016-07-17T02:55:41.942ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
आप सभी सुधीजन के मार्गदर्शन और हौसला अफ़ज़ाई से यह कोशिश यदि कामयाब हो सकी है, तो हम आगे भी और सुधार कर सकेंगे लेखन में। रचना पर समय देकर अनुमोदन करने व प्रोत्साहन देने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहब।
आप सभी सुधीजन के मार्गदर्शन और हौसला अफ़ज़ाई से यह कोशिश यदि कामयाब हो सकी है, तो हम आगे भी और सुधार कर सकेंगे लेखन में। रचना पर समय देकर अनुमोदन करने व प्रोत्साहन देने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहब। तीन पंक्तियों में इतनी सुन्दर…tag:openbooks.ning.com,2016-07-16:5170231:Comment:7846832016-07-16T22:26:13.746ZDr. Vijai Shankerhttps://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
तीन पंक्तियों में इतनी सुन्दर कथा , एक उत्कृष्ट कृति। बहुत बहुत बधाई ,आदरणीय शेख सहजाद उस्मानी जी , सादर।
तीन पंक्तियों में इतनी सुन्दर कथा , एक उत्कृष्ट कृति। बहुत बहुत बधाई ,आदरणीय शेख सहजाद उस्मानी जी , सादर। स्नेहिल प्रोत्साहन देने के लि…tag:openbooks.ning.com,2016-07-16:5170231:Comment:7848132016-07-16T16:37:01.594ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
स्नेहिल प्रोत्साहन देने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया जानकी बिष्ट वाही जी।
स्नेहिल प्रोत्साहन देने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया जानकी बिष्ट वाही जी। इस रचना पर अपना अमूल्य समय दे…tag:openbooks.ning.com,2016-07-16:5170231:Comment:7847552016-07-16T16:36:21.723ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
इस रचना पर अपना अमूल्य समय देकर अनुमोदन करने व प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब समर कबीर साहब।
इस रचना पर अपना अमूल्य समय देकर अनुमोदन करने व प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब समर कबीर साहब। मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थि…tag:openbooks.ning.com,2016-07-16:5170231:Comment:7845862016-07-16T16:35:21.774ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थित हो कर प्रथम त्वरित प्रतिक्रिया देकर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा राहिला साहिबा।
मेरी इस ब्लोग पोस्ट पर उपस्थित हो कर प्रथम त्वरित प्रतिक्रिया देकर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा राहिला साहिबा। नई सोच को समेटे हुए बहुत सार्…tag:openbooks.ning.com,2016-07-16:5170231:Comment:7847142016-07-16T09:24:59.214ZJanki wahiehttps://openbooks.ning.com/profile/Jankiwahie
नई सोच को समेटे हुए बहुत सार्थक कथा।आ.शहज़ाद जी हार्दिक बधाई।
नई सोच को समेटे हुए बहुत सार्थक कथा।आ.शहज़ाद जी हार्दिक बधाई।