Comments - जाम रे (व्यंग कविता) - Open Books Online2024-03-29T11:04:38Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A767714&xn_auth=noप्रिय नीरज .सच कहूं तो इस कवि…tag:openbooks.ning.com,2016-05-27:5170231:Comment:7691582016-05-27T14:16:45.192Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>प्रिय नीरज .सच कहूं तो इस कविता रूपी कथा में पंच कुछ हल्का है , बशर भारतीय ने इशारा किया है . आशा है आगे अच्छी रचना पढने को मिलेगी . स्नेह .</p>
<p>प्रिय नीरज .सच कहूं तो इस कविता रूपी कथा में पंच कुछ हल्का है , बशर भारतीय ने इशारा किया है . आशा है आगे अच्छी रचना पढने को मिलेगी . स्नेह .</p> बहुत सुन्दर व्यंग्य ।tag:openbooks.ning.com,2016-05-26:5170231:Comment:7686072016-05-26T06:50:15.476ZRahilahttps://openbooks.ning.com/profile/Rahila
बहुत सुन्दर व्यंग्य ।
बहुत सुन्दर व्यंग्य । आ. नीरजजी निस्संदेह इस रचना प…tag:openbooks.ning.com,2016-05-26:5170231:Comment:7685472016-05-26T05:39:53.934Zबशर भारतीयhttps://openbooks.ning.com/profile/2z6gajfsw55kj
आ. नीरजजी निस्संदेह इस रचना पर आपने मेहनत की है मगर रचना कुछ बिखरी बिखरी लग रही है।<br />
क्षमा सहित
आ. नीरजजी निस्संदेह इस रचना पर आपने मेहनत की है मगर रचना कुछ बिखरी बिखरी लग रही है।<br />
क्षमा सहित आदरणीया भट्ट जी आपको व्यंग रच…tag:openbooks.ning.com,2016-05-25:5170231:Comment:7684272016-05-25T17:20:06.476ZNEERAJ KHAREhttps://openbooks.ning.com/profile/NEERAJKHARE
आदरणीया भट्ट जी आपको व्यंग रचना पसंद आई। बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीया भट्ट जी आपको व्यंग रचना पसंद आई। बहुत बहुत शुक्रिया। सुंदर व्यंग हुआ है आदरणीय | tag:openbooks.ning.com,2016-05-25:5170231:Comment:7682662016-05-25T15:50:19.503ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>सुंदर व्यंग हुआ है आदरणीय | </p>
<p>सुंदर व्यंग हुआ है आदरणीय | </p>