Comments - मन्नत - ( लघुकथा ) – - Open Books Online2024-03-28T11:00:32Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A734997&xn_auth=noहार्दिक आभार आदरणीय हरि प्रका…tag:openbooks.ning.com,2016-02-05:5170231:Comment:7381612016-02-05T04:42:40.482ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय हरि प्रकाश दुबे जी!</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय हरि प्रकाश दुबे जी!</p> आदरणीय तेजवीर जी हार्दिक बधाई…tag:openbooks.ning.com,2016-02-01:5170231:Comment:7374692016-02-01T20:39:39.871ZHari Prakash Dubeyhttps://openbooks.ning.com/profile/HariPrakashDubey
<p><span>आदरणीय तेजवीर जी हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस रचना पर । सादर </span></p>
<p><span>आदरणीय तेजवीर जी हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस रचना पर । सादर </span></p> हार्दिक अभार आदरणीय सतविंदर क…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7355102016-01-29T13:40:59.045ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक अभार आदरणीय सतविंदर कुमार जी!जिनकी नीयत में खोट होता है, उनका कोई ईमान धर्म नहीं होता!</p>
<p>हार्दिक अभार आदरणीय सतविंदर कुमार जी!जिनकी नीयत में खोट होता है, उनका कोई ईमान धर्म नहीं होता!</p> हार्दिक अभार आदरणीय समर क़बीर…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7355092016-01-29T13:39:09.611ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक अभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी!</p>
<p>हार्दिक अभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी!</p> बेहतरीन!मन्दिर जैसे स्थल को भ…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7351952016-01-29T09:22:57.425Zसतविन्द्र कुमार राणाhttps://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
बेहतरीन!मन्दिर जैसे स्थल को भी भ्रष्ट कमाई का धंधा बना लिया है लोगो ने।भगवान के घर में भी.......सुंदर कटाक्ष।बधाई आदरणीय तेजवीर जी।
बेहतरीन!मन्दिर जैसे स्थल को भी भ्रष्ट कमाई का धंधा बना लिया है लोगो ने।भगवान के घर में भी.......सुंदर कटाक्ष।बधाई आदरणीय तेजवीर जी। जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7352742016-01-29T09:15:30.956ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत ख़ूब शानदार ,इस प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें !
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत ख़ूब शानदार ,इस प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ! हार्दिक आभार आदरणीया डॉ प्राच…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7352692016-01-29T07:54:57.982ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी!आपने लघुकथा को अपना अमूल्य समय दिया!विस्तृत विवेचना की!मेरा परिश्रम सफ़ल हो गया!पुनः हार्दिक आभार!</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी!आपने लघुकथा को अपना अमूल्य समय दिया!विस्तृत विवेचना की!मेरा परिश्रम सफ़ल हो गया!पुनः हार्दिक आभार!</p> हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नार…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7351912016-01-29T07:51:27.772ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी!</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी!</p> मन्नत की अहमियत के प्रति समर्…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7354082016-01-29T06:52:35.721ZDr.Prachi Singhhttps://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
मन्नत की अहमियत के प्रति समर्पण सिर्फ मन्नत पूरी होने तक<br />
अपनी चप्पल चोरी होने का दुख,लेकिन फिर खुद भी चप्पल चुराना<br />
हाथ तंग होने पर भी पुलिस के लिए निछावर का होना<br />
इन तीनों शब्दचित्रों को बहुत स्पष्टता से उकेरती है आपकी ये प्रस्तुति। ऐसे विषय हमारे बिलकुल आसपास से उठाए होने के कारण पाठको की भरपूर हामी लेते हैं।<br />
इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारिये।
मन्नत की अहमियत के प्रति समर्पण सिर्फ मन्नत पूरी होने तक<br />
अपनी चप्पल चोरी होने का दुख,लेकिन फिर खुद भी चप्पल चुराना<br />
हाथ तंग होने पर भी पुलिस के लिए निछावर का होना<br />
इन तीनों शब्दचित्रों को बहुत स्पष्टता से उकेरती है आपकी ये प्रस्तुति। ऐसे विषय हमारे बिलकुल आसपास से उठाए होने के कारण पाठको की भरपूर हामी लेते हैं।<br />
इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारिये। सुन्दर लघुकथा के लिये आपको ब…tag:openbooks.ning.com,2016-01-29:5170231:Comment:7352602016-01-29T05:11:45.341ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<table border="0" cellspacing="0" width="532">
<tbody><tr><td height="20" align="left" width="532">सुन्दर लघुकथा के लिये आपको बधाई ॥ सादर</td>
</tr>
</tbody>
</table>
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<tbody><tr><td height="20" align="left" width="532">सुन्दर लघुकथा के लिये आपको बधाई ॥ सादर</td>
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