Comments - लोक मानस के बीच का राग - Open Books Online2024-03-28T13:50:30Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A731334&xn_auth=noभाषा से पहले संकेत या अभिनय क…tag:openbooks.ning.com,2016-01-13:5170231:Comment:7319552016-01-13T06:11:06.780Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttps://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>भाषा से पहले संकेत या अभिनय का जन्म हुआ होगा | प्रारम्भ में बच्चा रो कर अपने भूख का तो माँ भी बच्चें के हाव भाव से उसकी इच्छ जान लेती है | ऐसे ही मूक प्राणी भी काम चलाते है | भाव समझने के लिए बने अक्षरों से भाषा भी विचारों का सम्प्रेष्ण ही है जिसका विकास विभिन्न देशों में वहाँ की तत्कालीन पपरिश्थितियों, वातावरण और प्रादुर्भाव करने वाले के अनुसार रचना हुई है | </p>
<p>आपका यह कथन सही है कि -</p>
<p>भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत</p>
<p>लोक मानस के बीच का वह राग भी है </p>
<p>वह अंतर्संबंध…</p>
<p>भाषा से पहले संकेत या अभिनय का जन्म हुआ होगा | प्रारम्भ में बच्चा रो कर अपने भूख का तो माँ भी बच्चें के हाव भाव से उसकी इच्छ जान लेती है | ऐसे ही मूक प्राणी भी काम चलाते है | भाव समझने के लिए बने अक्षरों से भाषा भी विचारों का सम्प्रेष्ण ही है जिसका विकास विभिन्न देशों में वहाँ की तत्कालीन पपरिश्थितियों, वातावरण और प्रादुर्भाव करने वाले के अनुसार रचना हुई है | </p>
<p>आपका यह कथन सही है कि -</p>
<p>भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत</p>
<p>लोक मानस के बीच का वह राग भी है </p>
<p>वह अंतर्संबंध भी है </p>
<p>जिसका जन्म होता है उसी भाषा से -- बधाई आपको आदरणीय डॉ,गोपाल नारायण जी | सादर </p> आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , बहु…tag:openbooks.ning.com,2016-01-12:5170231:Comment:7317502016-01-12T10:41:20.241Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , बहुत सही बात कही आपने , <br/><br/></p>
<p>भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत</p>
<p>लोक मानस के बीच का वह राग भी है </p>
<p>वह अंतर्संबंध भी है </p>
<p>जिसका जन्म होता है उसी भाषा से -- बधाई आपको ।</p>
<p>--- </p>
<p>आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , बहुत सही बात कही आपने , <br/><br/></p>
<p>भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत</p>
<p>लोक मानस के बीच का वह राग भी है </p>
<p>वह अंतर्संबंध भी है </p>
<p>जिसका जन्म होता है उसी भाषा से -- बधाई आपको ।</p>
<p>--- </p> किसी भी भाषा का उद्भव उसकी भौ…tag:openbooks.ning.com,2016-01-11:5170231:Comment:7318252016-01-11T13:07:17.840ZDr. Vijai Shankerhttps://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
किसी भी भाषा का उद्भव उसकी भौगोलिक परिस्थितियों में ही होता है , उसका विकास विभिन्न परिस्थितियों में होता है , जिसमें व्यापार , युद्ध , पर्यटन जैसे संचार भी शामिल हैं। हाँ , पारस्परिक संपर्क एक महत्वपूर्ण पहलू है , भाषाओं के विकास का। पारस्परिक निकटता इसी लिए भिन्न भिन्न भाषाओं में न्यूनाधिक साम्यता रखती है।<br />
आपको एक बहुत अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई , आदरणीय डॉ o गोपाल नारायण जी , सादर।
किसी भी भाषा का उद्भव उसकी भौगोलिक परिस्थितियों में ही होता है , उसका विकास विभिन्न परिस्थितियों में होता है , जिसमें व्यापार , युद्ध , पर्यटन जैसे संचार भी शामिल हैं। हाँ , पारस्परिक संपर्क एक महत्वपूर्ण पहलू है , भाषाओं के विकास का। पारस्परिक निकटता इसी लिए भिन्न भिन्न भाषाओं में न्यूनाधिक साम्यता रखती है।<br />
आपको एक बहुत अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई , आदरणीय डॉ o गोपाल नारायण जी , सादर।