Comments - निश्छल आराधना की अमर ज्योति महादेवी वर्मा - Open Books Online2024-03-28T16:47:07Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A70519&xn_auth=noश्रीमान् वर्मा जी के तर्क से…tag:openbooks.ning.com,2011-04-27:5170231:Comment:739892011-04-27T02:52:17.825Zprabhat kumar royhttps://openbooks.ning.com/profile/prabhatkumarroy
<p>श्रीमान् वर्मा जी के तर्क से मैं भी पूर्णतः सहमत हूँ कि बहुत से काव्य समीक्षकों द्वारा <br/>महादेवी को आधुनिक मीरा के तौर पर निरुपित करना और उनकी तुलना मीरा से करना <br/>कदाचित उचित नहीं है।</p>
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<p>श्रीमान् वर्मा जी के तर्क से मैं भी पूर्णतः सहमत हूँ कि बहुत से काव्य समीक्षकों द्वारा <br/>महादेवी को आधुनिक मीरा के तौर पर निरुपित करना और उनकी तुलना मीरा से करना <br/>कदाचित उचित नहीं है।</p>
<p> </p> पूज्या बुआ श्री पर केन्द्रित…tag:openbooks.ning.com,2011-04-25:5170231:Comment:732672011-04-25T17:26:48.945Zsanjiv verma 'salil'https://openbooks.ning.com/profile/sanjivvermasalil
पूज्या बुआ श्री पर केन्द्रित सारगर्भित लेख हेतु साधुवाद. <br/><br/>मीरां से बुआ श्री की तुलना भ्रामक है. मीरां के सकल सृजन और जीवन का केंद्र कृष्ण थे. बुआ श्री के साहित्य में राष्ट्रीय, सामाजिक, और दलितोत्थान की चेतना अध्यात्मिक या धार्मिक चेतना की तुलना में अधिक है. मीरां का नैराश्य या पलायन वृत्ति बुआ श्री में तनिक भी नहीं थी. वे अद्भुत जीवट की धनी थीं.
पूज्या बुआ श्री पर केन्द्रित सारगर्भित लेख हेतु साधुवाद. <br/><br/>मीरां से बुआ श्री की तुलना भ्रामक है. मीरां के सकल सृजन और जीवन का केंद्र कृष्ण थे. बुआ श्री के साहित्य में राष्ट्रीय, सामाजिक, और दलितोत्थान की चेतना अध्यात्मिक या धार्मिक चेतना की तुलना में अधिक है. मीरां का नैराश्य या पलायन वृत्ति बुआ श्री में तनिक भी नहीं थी. वे अद्भुत जीवट की धनी थीं. आदरणीया महादेवी वर्मा जी से प…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706602011-04-18T03:06:38.750ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
आदरणीया महादेवी वर्मा जी से परिचय कराने हेतु बहुत बहुत आभार |
आदरणीया महादेवी वर्मा जी से परिचय कराने हेतु बहुत बहुत आभार |