Comments - पास क्या दूर भी नहीं कोई (इमरान खान) - Open Books Online2024-03-28T13:48:42Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A686065&xn_auth=noआदरणीय इमरान जी अच्छी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-08-10:5170231:Comment:6879302015-08-10T08:04:20.166ZRavi Shuklahttps://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय इमरान जी अच्छी ग़ज़ल के लिये दाद कुबूल करें</p>
<p>आदरणीय इमरान जी अच्छी ग़ज़ल के लिये दाद कुबूल करें</p> आदरणीय इमरान भाई , अच्छी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-08-09:5170231:Comment:6875322015-08-09T07:50:17.324Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय इमरान भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है , सभी अश आर बहुत सुन्दर हुये हैं , हार्दिक बधाइयाँ आपको ।</p>
<p>आदरणीय इमरान भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है , सभी अश आर बहुत सुन्दर हुये हैं , हार्दिक बधाइयाँ आपको ।</p> जनाब इमरान ख़ान साहिब ,आदाब,अच…tag:openbooks.ning.com,2015-08-08:5170231:Comment:6874432015-08-08T17:56:26.763ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब इमरान ख़ान साहिब ,आदाब,अच्छी ग़ज़ल कही है आपने ,मुबारकबाद क़ुबूल करें,दूसरे शैर के ऊला मिसरे में 'चस्पा' को "चस्पाँ" कर लें ।
जनाब इमरान ख़ान साहिब ,आदाब,अच्छी ग़ज़ल कही है आपने ,मुबारकबाद क़ुबूल करें,दूसरे शैर के ऊला मिसरे में 'चस्पा' को "चस्पाँ" कर लें । आदरणीय इमरान जी शानदार ग़ज़ल हु…tag:openbooks.ning.com,2015-08-06:5170231:Comment:6860822015-08-06T16:13:31.111Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय इमरान जी शानदार ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद हाज़िर है-</p>
<p></p>
<p>आज किस तरह ज़िन्दगी खोई,</p>
<p>पास क्या दूर भी नहीं कोई...............बढ़िया मतला हुआ है </p>
<p></p>
<p>एक तस्वीर दिल पे है चस्पा,</p>
<p>रूह जिसको लिपट-लिपट रोई......... वाह वाह ...शानदार शेर </p>
<p></p>
<p>रात भर बेकली रही मुझ पर,</p>
<p>और दुनिया सुकून से सोई....... बेहतरीन शेर..... दाद ही दाद </p>
<p></p>
<p>फूल आंगन में अब न तुम ढूंढो,</p>
<p>फसल काँटों <strong>भरी</strong> अगर बोई...........वाह…</p>
<p>आदरणीय इमरान जी शानदार ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद हाज़िर है-</p>
<p></p>
<p>आज किस तरह ज़िन्दगी खोई,</p>
<p>पास क्या दूर भी नहीं कोई...............बढ़िया मतला हुआ है </p>
<p></p>
<p>एक तस्वीर दिल पे है चस्पा,</p>
<p>रूह जिसको लिपट-लिपट रोई......... वाह वाह ...शानदार शेर </p>
<p></p>
<p>रात भर बेकली रही मुझ पर,</p>
<p>और दुनिया सुकून से सोई....... बेहतरीन शेर..... दाद ही दाद </p>
<p></p>
<p>फूल आंगन में अब न तुम ढूंढो,</p>
<p>फसल काँटों <strong>भरी</strong> अगर बोई...........वाह वाह </p>
<p></p>
<p>वक़्त अपना कुछ इस तरह बीता,</p>
<p>हमनशीं हो गई गज़लगोई.............. बहुत सुन्दर </p>
<p></p>
<p>इस शानदार प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई </p> आ० इमरान खान जी
आज किस तरह…tag:openbooks.ning.com,2015-08-06:5170231:Comment:6860692015-08-06T14:05:56.268ZHarash Mahajanhttps://openbooks.ning.com/profile/HarashMahajan
<p>आ० <a href="http://openbooksonline.com/profile/IMRANKHAN">इमरान खान</a><a class="nolink"> </a> जी <br/><br/></p>
<p>आज किस तरह ज़िन्दगी खोई,</p>
<p>पास क्या दूर भी नहीं कोई.....वाह बेहद उम्दा !!</p>
<p>आ० <a href="http://openbooksonline.com/profile/IMRANKHAN">इमरान खान</a><a class="nolink"> </a> जी <br/><br/></p>
<p>आज किस तरह ज़िन्दगी खोई,</p>
<p>पास क्या दूर भी नहीं कोई.....वाह बेहद उम्दा !!</p> एक तस्वीर दिल पे है चस्पा,
रू…tag:openbooks.ning.com,2015-08-06:5170231:Comment:6860052015-08-06T13:54:42.024ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttps://openbooks.ning.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>एक तस्वीर दिल पे है चस्पा,</p>
<p>रूह जिसको लिपट-लिपट रोई..................वाह वाह!</p>
<p></p>
<p>बहुत सुन्दर गज़ल बधाई आदरणीय!</p>
<p>एक तस्वीर दिल पे है चस्पा,</p>
<p>रूह जिसको लिपट-लिपट रोई..................वाह वाह!</p>
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<p>बहुत सुन्दर गज़ल बधाई आदरणीय!</p> खूब सुन्दर
tag:openbooks.ning.com,2015-08-06:5170231:Comment:6861712015-08-06T12:47:26.996Znarendrasinh chauhanhttps://openbooks.ning.com/profile/narendrasinhchauhan
<p>खूब सुन्दर </p>
<p></p>
<p>खूब सुन्दर </p>
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