Comments - दलदली जमीं पर ख्वाबों की बुनियाद - Open Books Online2024-03-28T22:48:24Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A683522&xn_auth=noआदरणीय सौरभ जी त्रुटियों की…tag:openbooks.ning.com,2015-08-02:5170231:Comment:6848202015-08-02T07:15:58.597ZRita Guptahttps://openbooks.ning.com/profile/RitaGupta
<p>आदरणीय सौरभ जी त्रुटियों की ओर इंगित करने हेतु बहुत आभार ,इस मंच पर लिखने का यही मकसद है .मैं एडिट कर उन्हें दूर करने की कोशिश करती हूँ .</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी त्रुटियों की ओर इंगित करने हेतु बहुत आभार ,इस मंच पर लिखने का यही मकसद है .मैं एडिट कर उन्हें दूर करने की कोशिश करती हूँ .</p> आभार आदरणीय सुशील जी .tag:openbooks.ning.com,2015-08-02:5170231:Comment:6845842015-08-02T07:14:17.116ZRita Guptahttps://openbooks.ning.com/profile/RitaGupta
<p>आभार आदरणीय सुशील जी .</p>
<p>आभार आदरणीय सुशील जी .</p> आदरणीय मिथिलेश जी आभार .tag:openbooks.ning.com,2015-08-02:5170231:Comment:6847352015-08-02T07:13:27.861ZRita Guptahttps://openbooks.ning.com/profile/RitaGupta
<p>आदरणीय मिथिलेश जी आभार .</p>
<p>आदरणीय मिथिलेश जी आभार .</p> टंकण त्रुटियों और व्याकरण सम्…tag:openbooks.ning.com,2015-08-01:5170231:Comment:6847192015-08-01T21:42:48.047ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>टंकण त्रुटियों और व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियों केकारण कथा वाचन में मजा नहीं आया आदरणीया रीताजी.</p>
<p>प्रयास हेतु शुभकामनाएँ</p>
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<p>टंकण त्रुटियों और व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियों केकारण कथा वाचन में मजा नहीं आया आदरणीया रीताजी.</p>
<p>प्रयास हेतु शुभकामनाएँ</p>
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<p></p> आदरणीया बहुत सुंदर और सार्थक…tag:openbooks.ning.com,2015-08-01:5170231:Comment:6845512015-08-01T14:14:23.417ZSushil Sarnahttps://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीया बहुत सुंदर और सार्थक लघुकथा प्रस्तुत की है आपने। हार्दिक बधाई। </p>
<p>आदरणीया बहुत सुंदर और सार्थक लघुकथा प्रस्तुत की है आपने। हार्दिक बधाई। </p> आदरणीया रीता जी बहुत भावपूर्ण…tag:openbooks.ning.com,2015-08-01:5170231:Comment:6845272015-08-01T10:40:05.740Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीया रीता जी बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई...</p>
<p>आदरणीया रीता जी बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई...</p> धन्यवाद आदरणीय Manoj जी .tag:openbooks.ning.com,2015-08-01:5170231:Comment:6842762015-08-01T06:50:56.212ZRita Guptahttps://openbooks.ning.com/profile/RitaGupta
<p>धन्यवाद आदरणीय Manoj जी .</p>
<p>धन्यवाद आदरणीय Manoj जी .</p> बहुत सुंदर
सादरtag:openbooks.ning.com,2015-08-01:5170231:Comment:6842632015-08-01T03:11:54.523Zमनोज अहसासhttps://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
बहुत सुंदर<br />
सादर
बहुत सुंदर<br />
सादर