Comments - झूठ की खेती - Open Books Online2024-03-29T07:34:02Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A642934&xn_auth=noजनाब अनवर सुहैल जी,आदाब,सुंदर…tag:openbooks.ning.com,2015-04-18:5170231:Comment:6430622015-04-18T05:13:00.700ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब अनवर सुहैल जी,आदाब,सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें |
जनाब अनवर सुहैल जी,आदाब,सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें | बहुत सुंदर प्रस्तुति, आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2015-04-18:5170231:Comment:6429702015-04-18T03:35:52.448Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>बहुत सुंदर प्रस्तुति, आदरणीय अनवर साहब.</p>
<p>बहुत सुंदर प्रस्तुति, आदरणीय अनवर साहब.</p> शानदार रचना है हार्दिक बधाई .…tag:openbooks.ning.com,2015-04-17:5170231:Comment:6429622015-04-17T21:53:20.368Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>शानदार रचना है <br/><br/>हार्दिक बधाई ...</p>
<p>शानदार रचना है <br/><br/>हार्दिक बधाई ...</p> झूठ के बारे में इतनी सच्ची बा…tag:openbooks.ning.com,2015-04-17:5170231:Comment:6429602015-04-17T21:42:23.641ZDr. Vijai Shankerhttps://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
झूठ के बारे में इतनी सच्ची बात। बहुत खूब , बधाई , आदरणीय अनवर सुहैल जी , साथ में एक उम्मीद ( कल्पना) भी है। वह भी अच्छी है। सादर ।
झूठ के बारे में इतनी सच्ची बात। बहुत खूब , बधाई , आदरणीय अनवर सुहैल जी , साथ में एक उम्मीद ( कल्पना) भी है। वह भी अच्छी है। सादर । बेहतरीन रचना पर बधाई आदरणीय!tag:openbooks.ning.com,2015-04-17:5170231:Comment:6428842015-04-17T16:31:26.329ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttps://openbooks.ning.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>बेहतरीन रचना पर बधाई आदरणीय!</p>
<p>बेहतरीन रचना पर बधाई आदरणीय!</p> अनवर जी, झूठ की खेती अच्छे…tag:openbooks.ning.com,2015-04-17:5170231:Comment:6427842015-04-17T15:52:02.118Zसूबे सिंह सुजानhttps://openbooks.ning.com/profile/2fvsz8v20bb3q
<p>अनवर जी, झूठ की खेती अच्छे मानकों के साथ,उत्तम रचना कही है। बधाई</p>
<p>अनवर जी, झूठ की खेती अच्छे मानकों के साथ,उत्तम रचना कही है। बधाई</p>