Comments - सच - Open Books Online2024-03-28T19:37:22Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A634969&xn_auth=noआदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी,
आप…tag:openbooks.ning.com,2015-03-31:5170231:Comment:6365652015-03-31T08:03:12.758ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी,</p>
<p>आपके सुझाव के लिए तहे दिल से आभार. आपका मार्गदर्शन बहुमूल्य है. आपका प्रेम यह ही बनाए रखिये .</p>
<p>आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी,</p>
<p>आपके सुझाव के लिए तहे दिल से आभार. आपका मार्गदर्शन बहुमूल्य है. आपका प्रेम यह ही बनाए रखिये .</p> आदरणीय श्याम मठपाल जी ,ये रचन…tag:openbooks.ning.com,2015-03-30:5170231:Comment:6364462015-03-30T15:02:46.755ZHari Prakash Dubeyhttps://openbooks.ning.com/profile/HariPrakashDubey
<p>आदरणीय श्याम मठपाल जी ,ये रचना आपका पुनः प्रयास मांग रही है , आशा है आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे , भाव अच्छा है , पुनः संपादित करिए ! सादर </p>
<p>आदरणीय श्याम मठपाल जी ,ये रचना आपका पुनः प्रयास मांग रही है , आशा है आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे , भाव अच्छा है , पुनः संपादित करिए ! सादर </p> आदरणीय बृजेश नीरज जी, आपके टि…tag:openbooks.ning.com,2015-03-28:5170231:Comment:6357742015-03-28T10:41:26.762ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आदरणीय बृजेश नीरज जी, आपके टिप्पणी के लिए धन्यवाद. सीखने का क्रम कभी बंद नहीं होता. अगर आप कुछ मार्गदर्शन करते तो अच्छा होता.</p>
<p>आदरणीय बृजेश नीरज जी, आपके टिप्पणी के लिए धन्यवाद. सीखने का क्रम कभी बंद नहीं होता. अगर आप कुछ मार्गदर्शन करते तो अच्छा होता.</p> ये किस विधा में लिखा है आपने।…tag:openbooks.ning.com,2015-03-28:5170231:Comment:6357332015-03-28T01:55:29.647Zबृजेश नीरजhttps://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
ये किस विधा में लिखा है आपने। मुझ अकिंचन का मार्गदर्शन करें आदरणीय।<br />
मैं मानता हूँ हर कोई कवि नहीं होता, कुछ भी लिख देना कविता नहीं होती।<br />
कृपया बताएँ क्या मैं सही हूँ? साहित्य के क्षेत्र में नया हूँ इसलिए आपका मार्गदर्शन मेरे लिए उपयोगी होगा।<br />
सादर!
ये किस विधा में लिखा है आपने। मुझ अकिंचन का मार्गदर्शन करें आदरणीय।<br />
मैं मानता हूँ हर कोई कवि नहीं होता, कुछ भी लिख देना कविता नहीं होती।<br />
कृपया बताएँ क्या मैं सही हूँ? साहित्य के क्षेत्र में नया हूँ इसलिए आपका मार्गदर्शन मेरे लिए उपयोगी होगा।<br />
सादर! आ. डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्त…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6351882015-03-27T10:27:04.182ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आ. डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी ,</p>
<p>तहे दिल से आभार.</p>
<p>आ. डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी ,</p>
<p>तहे दिल से आभार.</p> आ.जीतेन्द्र पिस्टोरिया जी,
ब…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6353802015-03-27T10:24:51.545ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आ.जीतेन्द्र पिस्टोरिया जी,</p>
<p></p>
<p>बहुत धन्यवाद.</p>
<p>आ.जीतेन्द्र पिस्टोरिया जी,</p>
<p></p>
<p>बहुत धन्यवाद.</p> आ. मोहन सेठी जी,
बहुत शुक्रि…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6352902015-03-27T10:22:37.838ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आ. मोहन सेठी जी,</p>
<p></p>
<p>बहुत शुक्रिया .</p>
<p>आ. मोहन सेठी जी,</p>
<p></p>
<p>बहुत शुक्रिया .</p> आ.डॉ. विजय शंकर जी,
उत्साहव…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6352892015-03-27T10:21:26.432ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आ.डॉ. विजय शंकर जी, </p>
<p></p>
<p>उत्साहवर्धन की लिए हार्दिक आभार.</p>
<p>आ.डॉ. विजय शंकर जी, </p>
<p></p>
<p>उत्साहवर्धन की लिए हार्दिक आभार.</p> आ.मिथिलेश वामनकर जी,
हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6351852015-03-27T10:20:00.164ZShyam Mathpalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamMathpal
<p>आ.मिथिलेश वामनकर जी,</p>
<p></p>
<p>हार्दिक आभार </p>
<p>आ.मिथिलेश वामनकर जी,</p>
<p></p>
<p>हार्दिक आभार </p> आ० मठपाल जी
परिगणन शैली में आ…tag:openbooks.ning.com,2015-03-27:5170231:Comment:6352682015-03-27T06:29:38.967Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० मठपाल जी</p>
<p>परिगणन शैली में आपने बहुतेरे सत्य से अवगत कराया . सुन्दर. सादर.</p>
<p>आ० मठपाल जी</p>
<p>परिगणन शैली में आपने बहुतेरे सत्य से अवगत कराया . सुन्दर. सादर.</p>